😔 क्या करियर के रास्ते में अदृश्य बाधाएं आ रही हैं? इस सर्व पितृ अमावस्या पर भगवान सूर्यदेव के साथ राहु-केतु पूजा में भाग लें
जीवन में हम सब मेहनत करते हैं, तरक्की, प्रमोशन और सम्मान की उम्मीद रखते हैं, लेकिन कभी-कभी अदृश्य शक्तियाँ हमारी राह रोक देती हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, करियर में आने वाली रुकावटें अक्सर राहु और केतु जैसे छाया ग्रहों के अशुभ प्रभावों से होती हैं। ये ग्रह भ्रम, अचानक रुकावटें और असफलताएँ लाते हैं। इसके साथ ही, यदि हमारे पितृ (पूर्वज) असंतुष्ट हों, तो पितृ दोष बनता है, जिससे जन्म कुंडली में सूर्यदेव की शक्ति कमजोर हो जाती है। चूँकि सूर्यदेव नेतृत्व, अधिकार और पेशेवर सफलता के प्रतीक हैं, इसलिए यह असर करियर की प्रगति रोक सकता है।
सर्व पितृ अमावस्या जिसे महालय अमावस्या भी कहते हैं, साल का सबसे शक्तिशाली दिन है, जब पितरों की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है और ग्रहों के अशुभ प्रभावों से राहत का अवसर मिलता है।
शास्त्रों के अनुसार, राहु और केतु भगवान सूर्यदेव के शत्रु माने जाते हैं। जब ये ग्रह सूर्य पर छाया डालते हैं, तो ग्रहण लगता है और सूर्य का प्रकाश मंद हो जाता है। इसी प्रकार, इनके प्रभाव से जीवन में अवसरों की रोशनी भी धुंधली हो सकती है। ऐसे समय में आदित्य हृदय स्तोत्र विशेष महत्व रखता है। यह वही दिव्य स्तोत्र है जिसे महर्षि अगस्त्य ने भगवान श्रीराम को युद्धभूमि पर सुनाया था, जिससे उन्हें रावण पर विजय पाने की शक्ति मिली। इसका पाठ सभी प्रकार की बाधाएँ दूर करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
इस दिन अपने पितरों को स्मरण करना और उनकी शांति के लिए प्रार्थना करना भी अत्यंत शुभ माना गया है। जब पितृ प्रसन्न होते हैं, तो उनका आशीर्वाद जीवन की प्रगति में आने वाली हर रुकावट को दूर करता है।
गलता जी सूर्य मंदिर में होने जा रही इस विशेष महापूजा में 3 शक्तिशाली अनुष्ठान किए जाएंगे:
राहु-केतु शांति पूजा – राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव को शांत करने के लिए।
11,000 पितृ गायत्री मंत्र जाप – पितरों की आत्मा शांति और शांति के लिए।
51 आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ – सूर्यदेव की कृपा पाने और करियर में सफलता का “सूर्य तेजस कवच” बनाने के लिए।
श्री मंदिर के माध्यम से यह महापूजा सूर्यदेव की कृपा, पितरों के आशीर्वाद और ग्रह दोष शांति का शक्तिशाली संगम है, जो आपके करियर को रफ्तार दे सकती है।