सनातन परंपरा में यह माना जाता है कि सूर्य देव केवल प्रकाश के ही नहीं बल्कि चेतना, आत्मबल, सम्मान और जीवन शक्ति के परम स्रोत हैं। सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है और रविवार का दिन विशेष रूप से सूर्य देव की उपासना के लिए पवित्र माना जाता है। ऐसा माना गया है कि रविवार को सूर्य देव का स्मरण, जलार्पण और स्तोत्र पाठ करने से भीतर की नीरसता दूर होती है तथा मनुष्य जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का अनुभव करता है।
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर होता है, या जहां सूर्य दोष सक्रिय होता है, वहां जीवन में कई प्रकार की चुनौतियाँ दिखाई देने लगती हैं। यह धारणा है कि सूर्य दोष के कारण व्यक्ति को आत्मविश्वास की कमी, सम्मान में गिरावट, निर्णय क्षमता में भ्रम, थकान, काम में बाधाएं, माता पिता से जुड़े तनाव या अधिकार और नेतृत्व से संबंधित परेशानियाँ अनुभव हो सकती हैं। कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति पूरी मेहनत के बावजूद वह चमक या मान्यता प्राप्त नहीं कर पाता, जो उसे मिलनी चाहिए थी।
ऐसे समय में सूर्य देव का जाप और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना गया है। सूर्य देव गलताजी मंदिर में होने वाला यह विशेष रविवार अनुष्ठान उसी पारंपरिक मान्यता पर आधारित है। इस पवित्र स्थल पर सूर्य देव की उपासना को विशेष फलदायी माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि यहां किया गया जाप तथा स्तोत्र पाठ साधक के जीवन में तेज, शांति और संतुलन लाता है।
आदित्य हृदय स्तोत्र का महत्व अत्यंत गहरा माना गया है। यह स्तोत्र ऋषि अगस्त्य द्वारा भगवान श्री राम को युद्ध स्थल में दिया गया दिव्य उपदेश है। मान्यता है कि इस स्तोत्र के श्रवण से मन में उत्साह जागृत होता है, मानसिक भ्रम दूर होता है और भीतर साहस, दृढ़ता तथा स्थिरता बढ़ती है। सूर्य देव के दिव्य स्वरूपों का इसमें विस्तृत वर्णन है जो साधक के भीतर नई जीवन शक्ति का संचार करता है।
इस खास पूजा में सम्मिलित होना ऐसा माना जाता है कि सूर्य दोष से मिलने वाली चुनौतियों को शांत किया जा सकता है। साथ ही मन में सकारात्मकता, आत्मविश्वास और स्पष्ट दृष्टि वापस आती है। यह पूजा जीवन में दिशा, स्थिरता और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने वाला माना जाता है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और सूर्यदेव की विशेष कृपा प्राप्त करें।✨🌞🙏