रविवार को सूर्य द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ सूर्य देव की आराधना का एक प्रभावशाली माध्यम माना गया है। इस स्तोत्र में सूर्य के 12 नामों का उल्लेख किया गया है। रविवार को विधिवत द्वादश नाम पाठ से सूर्य की अपार कृपा होती है। यह स्तोत्र सूर्य की शक्ति, ऊर्जा और समृद्धि को बढ़ाने में सहायक है। इसका पाठ करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, जीवन में स्थिरता और सफलता की दिशा मिलती है। साथ ही, यह पूजा ग्रह दोषों के बुरे प्रभावों को भी शांत करने वाली मानी जाती है।
सूर्य के द्वादश नाम हैं: मित्र, रवि, सूर्य, भानु, खग, पूषन्, हिरण्यगर्भ, मरीच, आदित्य, सवित्र, अर्क, भास्कर। विद्वानों के अनुसार, सूर्य द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, शारीरिक ऊर्जा, और समृद्धि का मार्ग मिलता है। यह विशेष रूप से रविवार को किया जाता है, क्योंकि रविवार सूर्य देव का दिन माना गया है। यह स्तोत्र सूर्य के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाता है और जीवन में उत्पन्न बाधाओं और दुखों को दूर करने की शक्ति रखता है। मान्यता है कि इसके नियमित पाठ से आत्मविश्वास बढ़ता है और शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य को मजबूती मिलती है।
इस रविवार यह सूर्य अनुष्ठान जयपुर के श्री गलता जी मंदिर में होने जा रहा है। प्रसिद्ध गलता जी मंदिर, सूर्य देवता की उपासना के लिए एक प्रमुख स्थल माना जाता है। सूर्य को जीवनदाता और समृद्धि के कारक देवता के रूप में पूजा जाता है। यहां सूर्य की विशेष आराधना से भक्तों को मानसिक शांति, शारीरिक ऊर्जा और जीवन में सकारात्मकता की सही दिशा मिलती है। इस अनुष्ठान को संपूर्णता प्रदान करने के लिए दिव्य गंगा अर्घ्य भी अर्पित किया जाता है, जिसका आशीर्वाद मां गंगा की अविरल धारा से होते हुए जीवन में प्रवेश करता है।
काशी के अस्सी घाट पर होने जा रहा यह गंगा अर्घ्य, सूर्य आराधना में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह घाट काशी के प्रमुख घाटों में से एक है, जहां श्रद्धालु प्रात: सूर्योदय के समय गंगा मैया को अर्घ्य अर्पित करते हैं। गंगा अर्घ्य से न केवल शारीरिक शुद्धि होती है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति की भी दिशा मिलती है।
श्री मंदिर द्वारा रविवार को इस अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर हाथ से न जाने दें। यह अनुष्ठान उनके लिए बेहद ख़ास है, जो जीवन में बेहतर स्वास्थ्य, ऊर्जा और आंतरिक मजबूती की ओर बढ़ना चाहते हैं।