🌙💞 हिंदू धर्म में करवा चौथ पर विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। इस व्रत की सबसे विशेष परंपरा है शुक्र चंद्र अर्घ्य। सनातन मान्यता में रात को चाँद निकलने पर महिलाएं छलनी से चंद्रमा और पति को देखते हुए आराधना करती हैं। इसके बाद अर्घ्य देकर प्रार्थना करती हैं कि चंद्रदेव और शुक्र की कृपा से वैवाहिक जीवन में प्रेम, सौभाग्य और समृद्धि बनी रहे। श्री मंदिर द्वारा राजस्थान के प्रसिद्ध चौथ माता मंदिर में आयोजित होने जा रहा यह अर्घ्य अनुष्ठान न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत कर सकता है बल्कि घर-परिवार में शांति और सुख-समृद्धि का भी प्रतीक माना गया है।
🌙 करवाचौथ की कथा:
💞 करवाचौथ की एक कथा महाभारत से जुड़ी हुई है, जिसमें द्रौपदी ने अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत किया था। इस कथा के अनुसार, जब पांडव वनवास पर थे, तब द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण से अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना की। श्री कृष्ण ने उन्हें करवाचौथ का व्रत करने की सलाह दी। द्रौपदी ने इस व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति से किया, जिससे पांडवों की विजय और उनकी वापसी की राह मजबूत हुई। इस व्रत के माध्यम से द्रौपदी ने अपनी आस्था और प्रेम को दिखाया, जो आज भी सुहागिनों द्वारा निभाया जाता है। मान्यता है कि जब मंगल करवा पूजा, वैभव लक्ष्मी पूजन और चंद्र अर्घ्य एकसाथ किया जाता है तो परिवार में खोई हुई मिठास और ईश्वरीय कृपा के द्वार खुलने शुरू हो जाते हैं।
🛕 राजस्थान के चौथ माता मंदिर में करवा चौथ विशेष पूजा का दुर्लभ अवसर
राजस्थान के प्रसिद्ध चौथ माता मंदिर में सुहागन मंगल करवा पूजा और वैभव लक्ष्मी अनुष्ठान दिवाली पूर्व विशेष रूप से आयोजित किया जाता है। यह पूजा विवाहित महिलाओं के सुहाग, परिवार की मंगलकामना और आर्थिक समृद्धि के लिए फलदायी मानी गई है। मां चौथ माता को अखंड सौभाग्य और परिवारिक रक्षा की अधिष्ठात्री देवी माना गया है, वहीं वैभव लक्ष्मी की उपासना से घर में धन, सौभाग्य और सुख-शांति की स्थिरता बढ़ सकती है। चौथ माता मंदिर में दीप, करवा और लाल चुनरी अर्पण के साथ यह साधना स्त्री शक्ति, समर्पण और समृद्धि का पावन संगम मानी गई है। विद्वान मानते हैं कि वैभव लक्ष्मी हवन और चंद्र अर्घ्य से परिवार में सुख, सौभाग्य और सद्भाव की दिशा मजबूत होती है। वहीं, चंद्र अर्घ्य से मानसिक शांति और पारिवारिक सुख के द्वार खुलते हैं। करवा चौथ का यह अनुष्ठान सुहागन स्त्रियों के लिए पति की लंबी आयु और खुशहाल रिश्ते का आशीर्वाद ला सकता है। साल के इस आखिरी और सुनहरे अवसर को हाथ से न जाने दें।