क्या मंगल दोष बन रहा है आपके रिश्तों में बाधा? वैशाख मास में करें मंगल शांति पूजा और पाएं प्रेम व स्थिरता का आशीर्वाद🔱
वैशाख मास, जिसे 'दान मास' और 'शुभ विवाह ऋतु' के रूप में जाना जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यकारी और मांगलिक कार्यों के लिए विशेष रूप से अनुकूल माना गया है। इस मास में सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ खरमास का समापन होता है, जिससे विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण एवं अन्य शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ मुहूर्तों की शुरुआत होती है।
हालांकि कई बार कुंडली में मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति के कारण, विवाह योग्य समय होने पर भी व्यक्ति वैवाहिक जीवन में रुकावटों, विलंब, तनाव या असंतोष का अनुभव करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस और संघर्ष का प्रतीक है। जब यह अशुभ स्थिति में होता है, तो वैवाहिक जीवन, पारिवारिक संबंधों और मानसिक स्थिति पर इसका प्रभाव प्रतिकूल हो सकता है। शास्त्रो में मांगलिक दोष शांति पूजा, पीपल वृक्ष पूजा, और मंगल दान कुंजिका को विशेष रूप से प्रभावशाली माना जाता है।
जानें इन विशेष अनुष्ठानों के लाभ:
मांगलिक दोष शांति पूजा जीवन में चल रहे संघर्षों को शमन करती है।
पीपल वृक्ष की पूजा ग्रहजन्य दोषों के निवारण के लिए की जाती है, क्योंकि पीपल को शास्त्रों में दिव्य और पवित्र माना गया है।
वहीं, मंगल दान कुंजिका का दान वैशाख मास में करना अत्यंत पुण्यदायी होता है, जिससे मंगल ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और व्यक्ति को वैवाहिक सुख व रिश्तों में सामंजस्य की अनुभूति होती है।
ऐसा माना जाता है कि यह पूजा विशेष रूप से तब अत्यंत प्रभावशाली होती है, जब इसे अयोध्या स्थित भगवान हनुमान के पवित्र निवास — श्री हनुमान गढ़ी मंदिर में संपन्न किया जाए। यह धारणा है कि भगवान हनुमान स्वयं मंगल ग्रह के अधिदेवता हैं, और उनकी उपासना से मंगल के सभी अशुभ प्रभाव शांत हो जाते हैं। यदि आप अपने वैवाहिक जीवन में प्रेम, स्थिरता और सामंजस्य की स्थापना करना चाहते हैं, तथा रिश्तों में उत्पन्न तनाव को दूर करना चाहते हैं, तो वैशाख माह में, भगवान हनुमान और मंगलदेव को समर्पित मंगलवार की पुण्य तिथि पर, श्री मंदिर द्वारा आयोजित इस विशेष पूजा में अवश्य भाग लें।