श्री हनुमान, भैरव और महाकाली की संयुक्त आराधना से होने वाले इस दिव्य महायज्ञ के माध्यम से अनुभव करें सुरक्षा और रूपांतरण की दुर्लभ ऊर्जा। यह अनुष्ठान एक साथ दो पवित्र स्थलों, कालीघाट शक्तिपीठ और बटुक भैरव मंदिर, में संपन्न होता है। ये दोनों स्थान देवी शक्ति और भैरव ऊर्जा के केंद्र माने जाते हैं, जहां भय, नकारात्मकता और अदृश्य बाधाओं का नाश होता है। कालीघाट शक्तिपीठ वह स्थान है जहां ऐसा माना जाता है कि माँ सती के पैर की उंगलियाँ गिरी थीं। यहां की दिव्य शक्ति आत्मबल जागृत करती है और जीवन से कर्मजनित अशुद्धियों को दूर करती है। वहीं, काशी के बटुक भैरव मंदिर में भगवान भैरव, जो दिव्य रक्षक माने जाते हैं, हर प्रकार की नकारात्मकता और भय को नष्ट करते हैं।
इन दोनों ऊर्जाओं को भगवान हनुमान की उपासना जोड़ती है, जो साहस, स्पष्टता और अडिग विश्वास का संचार करती है। जब यह तीनों शक्तियाँ एक साथ पूजी जाती हैं, तब उनका संयुक्त आशीर्वाद एक पूर्ण आध्यात्मिक कवच बनाता है, जो व्यक्ति को भीतर से मजबूत, शुद्ध और आत्मविश्वासी बनाता है। यह महायज्ञ विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो नकारात्मकता, भय, बाधाओं या मानसिक अस्थिरता से मुक्ति चाहते हैं। दोनों मंदिरों में किए गए मंत्र जाप और आहुतियाँ एक दिव्य तरंग उत्पन्न करती हैं, जो आपके और आपके परिवार के चारों ओर सुरक्षा, शक्ति और कृपा का कवच बनाने में मदद करती है।
इस अद्भुत महायज्ञ में सम्मिलित होकर पाएं महाकाली, भैरव और हनुमान की संयुक्त कृपा, जो साहस, सुरक्षा और स्थिरता का प्रतीक है। कालीघाट और काशी में हो रही इस साधना के माध्यम से अपने जीवन में शांति, आत्मबल और निडरता का अनुभव करें और उनके शक्तिशाली संरक्षण में आगे बढ़ें।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लेकर आप कालीघाट की दिव्य ऊर्जा से जुड़ सकते हैं और दीर्घकालीन सुरक्षा, शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।