✨साल 2025 की अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण शनि अमावस्या वह पवित्र अवसर है जब शनि देव का प्रभाव सबसे अधिक अनुभव किया जाता है। शनि देव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है, जो हमारे अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार जीवन में परिणाम लाते हैं। उनके प्रभाव से जीवन में अनुशासन, धैर्य, स्थिरता और जिम्मेदारी की शक्ति मिलती है। वहीं यदि शनि दोष बन जाएं तो संघर्ष, देरी, मानसिक दबाव और बाधाएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
✨इस प्रकोप से राहत के लिए शनि अमावस्या का दिन बेहद अहम माना जाता है। दरअसल जब अमावस्या शनिवार को पड़ती है, जो स्वयं शनि देव का दिन है, तब उनके प्रभाव की ताकत और भी अधिक महसूस होती है। यह समय केवल संकेत नहीं है, बल्कि जीवन में चल रही कठिन परिस्थितियों को सुधारने, नकारात्मकताओं को दूर करने और आने वाले महीनों में स्थिरता सुनिश्चित करने का दुर्लभ अवसर भी माना जाता है।
🌑 जानें क्यों खास इस बार आने वाली शनि अमावस्या
✨इस बार की शनि अमावस्या इसीलिए भी अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह साल 2025 की आखिरी शनि अमावस्या है जब शनि देव के प्रभाव को शांत किया जा सकता है। शनि साढ़ेसाती, शनि महादशा या शनि दोष से गुजर रहे लोगों को इस समय विशेष दबाव महसूस हो सकता है। कामों में देरी, मेहनत के बावजूद परिणाम न मिलना, आर्थिक चिंता, मन का भारी रहना और भविष्य के प्रति असुरक्षा जैसी परेशानियां आम होती हैं। शनि तिल तेल अभिषेक इस समय किए जाने वाले विशेष उपायों में से एक है, जो नकारात्मक प्रभावों को कम करने और जीवन में आने वाली बाधाओं से सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।
✨इस अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त को पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ समय माना जाता है। इस बार अमावस्या तिथि ब्रह्म मुहूर्त में है और सुबह 7:12 बजे समाप्त हो जाती है। इसीलिए सभी पूजा और अनुष्ठान सही समय के भीतर पूरे करना आवश्यक है। मान्यता है कि इस मूहूर्त में शनि देव की उपासना और इस विशेष पूजा के माध्यम से जीवन में भय, चिंता और असुरक्षा को शांत किया जा सकता है। उनके आशीर्वाद से पुराने कर्मों और नकारात्मक प्रभावों का बोझ हल्का होता है, जीवन में संतुलन, स्थिरता और सुरक्षा आती है।
✨इस अंतिम शनि अमावस्या पर की गई पूजा न केवल नकारात्मकताओं को दूर करती है, बल्कि आने वाले नए साल में जीवन में सकारात्मकता, आत्मविश्वास और मानसिक शांति लाने का मार्ग भी प्रशस्त करती है, तो देर न करें श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें।