✨ परिवार में पितृ दोष से राहत और पूर्वजों का आशीर्वाद चाहते हैं? शनि अमावस्या है स्वर्णिम अवसर ⚔️
अमावस्या वह दिन है, जब नकारात्मक ऊर्जाएं अपने चरम पर होती हैं और सुरक्षा-शक्ति के लिए उग्र देवताओं की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। जब अमावस्या शनिवार को पड़ती है, तो वह शनि अमावस्या बन जाती है। इस साल की यह आखिरी शनि अमावस्या है, जो पितृ दोष राहत अनुष्ठानों के लिए बेहद दुर्लभ संयोग है। यह भगवान शनि को समर्पित एक आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली दिन है। कहा जाता है कि इस तिथि पर विधिवत पितृ पूजा कराने से दिवंगत आत्माओं को तृप्ति और शनि देव का असीम आशीर्वाद मिलता है।
पुराणों के अनुसार, यदि ये कर्मकांड ठीक से नहीं किए जाते हैं तो परिवार पितृ दोष से ग्रस्त हो सकता है। यह दोष न केवल व्यक्ति को, बल्कि पूरे परिवार पर असर डालता है। पितृ दोष से ग्रस्त परिवारों में अक्सर करियर बाधाएं, बच्चों की उलझनें और चुनौतियां घर बना लेती हैं। परिवार के मुखिया को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे हर तरफ अशांति और तनाव बढ़ जाता है। इसलिए, शनि अमावस्या पर गया में पितृ दोष निवारण पूजा, काशी गंगा आरती, दो मोक्ष तीर्थों पर महापूजा का आयोजन किया जाएगा।
गया एक पूजनीय स्थल है, जहाँ देश-विदेश से लोग अपने पूर्वजों की आत्मा-शांति की कामना के साथ अनुष्ठान के लिए आते हैं। पुराणों के अनुसार, गयासुर नामक एक असुर ने घोर तपस्या की और देवताओं से वरदान पा लिया, जिसका उसने बाद में देवताओं को पीड़ा देने के लिए जमकर दुरुपयोग किया। देवताओं ने भगवान विष्णु की शरण ली, जिन्होंने गयासुर की छाती पर अपना पैर रखकर उसे वश में कर लिया। जब गयासुर का सिर काँपने लगा, तो विष्णु जी ने उस पर अपनी गदा रखकर उसे शांत किया। गयासुर के पश्चाताप से प्रसन्न होकर, भगवान विष्णु ने उसे वरदान दिया कि जो कोई भी गया में पितृ पूजा करेगा, उसकी दिवंगत आत्माओं को मोक्ष की दिशा मिलेगी।
इसी के साथ ही पितरों की आत्मा शांति के लिए महादेव की नगरी काशी में गंगा आरती सहित विशेष अनुष्ठान किए जाएँगे। मान्यता है कि काशी में मोक्ष दायिनी माँ गंगा की पवित्र गंगा आरती में भाग लेने से पापों का नाश होता है और पूर्वजों का रुका हुआ आशीष मिलना शुरू हो जाता है। अपने परिवार को पितृ दोष से राहत दिलाने और अपने पूर्वजों से आशीष पाने के लिए इस दुर्लभ शनि अमावस्या के अवसर को न चूकें।
आप जहाँ भी हों, श्री मंदिर में आयोजित गया पितृ दोष निवारण पूजा और काशी गंगा आरती में शामिल होकर भगवान शनि, माँ गंगा और अपने पूर्वजों से सद्भाव, समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद पा सकते हैं।