नवरात्रि का पर्व माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का पवित्र समय माना जाता है। इन नौ दिनों में साधक व्रत, पूजा और मंत्र जाप के माध्यम से शक्ति की साधना करते हैं। यह केवल भक्ति का समय नहीं है, बल्कि भीतर की नकारात्मकता को दूर करके नई ऊर्जा, साहस और संतुलन पाने का अवसर भी है। इसी क्रम में नवरात्रि की अष्टमी तिथि का महत्व सबसे विशेष है। इस दिन माँ महागौरी को समर्पित अनुष्ठान किए जाते हैं। माना जाता है कि माँ की आराधना से मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है। इसी कारण अष्टमी पर की गई पूजा साधक को गहरा फल देती है। यहीं नहीं, अष्टमी पर माँ राजराजेश्वरी की पूजा भी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
✨ जानें माँ राजराजेश्वरी और श्री चक्र अनुष्ठान की अद्भुत महिमा का रहस्य
माँ राजराजेश्वरी, जिन्हें त्रिपुरसुंदरी भी कहा जाता है, दस महाविद्याओं में तीसरी महाविद्या हैं। वे योग, मोक्ष, वैभव और आनंद की देवी हैं, जो अपने दयालु और तेजस्वी स्वरूप से भक्तों के दुख दूर कर सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं। शास्त्रों के अनुसार, माँ राजराजेश्वरी श्री चक्र की अधिष्ठात्री देवी हैं, जिसका केंद्र बिंदु उनका आसन माना जाता है, जो शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है। वहीं श्री चक्र अनुष्ठान की महिमा यह है कि इसमें देवी की नाड़ी और ऊर्जा के सृजन व प्रलय के 43 त्रिकोण होते हैं। इन त्रिकोणों की साधना से साधक के भीतर देवी तत्व जागृत होता है। श्री चक्र की प्रत्येक परत जीवन की विभिन्न ऊर्जा का द्वार है और इसके केंद्र बिंदु तक पहुंचना परम आध्यात्मिक मिलन माना जाता है।
अष्टमी के दिन माँ राजराजेश्वरी और श्री चक्र का संयुक्त पूजन कर अभिषेक, मंत्रोच्चारण, हवन आदि अनुष्ठान किए जाते हैं, जो साधक को सफलता, धन की स्थिरता, सुरक्षा और आत्मिक शांति प्रदान करते हैं। इस कारण अष्टमी को इसका विशेष महत्व है और इस दिन किए जाने वाले श्री चक्र राजराजेश्वरी महायज्ञ में वैदिक मंत्र जाप, नवावरण अर्चना, देवी स्तोत्र पाठ और हवन शामिल होते हैं, जो जीवन में ऐश्वर्य और आध्यात्मिक प्रगति का स्रोत बनते हैं। इस वर्ष कटरा के नवदुर्गा मंदिर में भी इसी अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में वैदिक मंत्रोच्चारण, देवी स्तोत्र पाठ और हवन संपन्न होंगे।
आप भी इस दिव्य अनुष्ठान में शामिल होकर माँ राजराजेश्वरी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सफलता, आर्थिक स्थिरता और आत्मिक संतुलन का अनुभव कर सकते हैं। 🙏