राहु एवं शनि का स्वभाव लगभग एक ही तरह है, इनकी युति से अलग-अलग योग बनते हैं जिनमें से एक हैं
शापित योग। ज्योतिष शास्त्र में इस महाकष्टकारी योग को माना जाता है। जिनकी कुंडली में ये योग बनता है उन्हें अक्सर जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में राहु और शनि एक साथ आ जाते हैं उनके जीवन में अस्थिरता रह सकती है जिसके कारण उनके करियर और बिजनेस में भी बाधाएं आने लगती हैं। कुंडली में राहु-शनि ग्रह को शांत कर इससे होने वाले दुष्प्रभाव से निजात पाने के लिए राहु-शनि शापित दोष शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक अत्यंत लाभकारी है।
इस पूजा को अगर किसी शुभ दिन पर किया जाए तो इसका महत्व और अधिक बढ जाएगा। हिंदूधर्म में पूर्णिमा का दिन शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है, क्योंकि इस दिन पूजा करने से शुभ फल मिलते हैं। वहीं शनिवार का दिन इस पूजा के लिए शुभ होता है। इसलिए शनिवार एवं पूर्णिमा के शुभ संयोग पर राहु-शनि शापित दोष शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इसमें भाग लें और राहु और शनि के अशुभ प्रभावों से राहत पाएं।