ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का काफी महत्व होता है, क्योंकि इन्हीं ग्रहों के कारण व्यक्ति के जीवन में खुशियां और परेशानियां आती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो, सभी ग्रहों में राहु को सबसे खतरनाक ग्रह माना जाता है, क्योंकि यह जीवन में बहुत सारी परेशानियां लेकर आता है। जिस किसी की भी कुंडली में राहु युति करता है, उस जातक को कई सारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। राहु के प्रकोप से पीड़ित व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी भी हो सकती है और उसे सामाजिक कलंक का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके अलावा, जन्म कुंडली में मौजूद राहु दोष जीवन में कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का कारण बन सकता है। हालाँकि राहु प्रतिकूल परिणाम लाने के लिए कुख्यात है, लेकिन इसके अपने अनोखे गुण भी हैं। यदि राहु किसी व्यक्ति के जीवन में अनुकूल स्थिति में है, तो यह सफलता, विलासिता और कई अन्य सुखद परिणाम ला सकता है।
वहीं, ज्योतिष में राहु को एक छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि इसका अन्य ग्रहों की तरह भौतिक रूप नहीं है। इस अमूर्त प्रकृति के बावजूद, इसके नकारात्मक प्रभाव काफी गंभीर हो सकते हैं। हालांकि, ज्योतिष राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए कई उपाय बताता है, जिसमें राहु मूल मंत्र का जाप और दशांश हवन शामिल है। राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए राहु मंत्र का जाप कारगर माना जाता है। वहीं, दशांश हवन प्रत्येक मंत्रो को सिद्ध करने के बाद किया जाता है। दशांश हवन का अर्थ होता है कि जितना जप किया है उसका दस प्रतिशत हवन कर देना। इसके अलावा, राहु द्वारा शासित नक्षत्र के दौरान यह पूजा करना और भी अधिक लाभकारी हो सकता है। इसलिए राहु पैठणी मंदिर में राहु के शासित स्वाति नक्षत्र के दौरान 18,000 राहु मूल मंत्र जाप और दशांश हवन का आयोजन किया जाएगा। कहा जाता है कि यह मंदिर देश के उन चुनिंदा राहु मंदिरों में से एक है जहां भगवान शिव के साथ राहु की पूजा की जाती है श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और राहु के नकारात्मक प्रभावों से राहत के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।