🌸 राधा अष्टमी के पावन अवसर पर राधा रानी और श्रीकृष्ण के संयुक्त आह्वान से अपने जीवन में प्रेम, सामंजस्य और संतुलन का स्वागत करें ✨
घर-परिवार का सुख जीवन को सबसे सुंदर बनाता है। लेकिन कई बार छोटी-छोटी बातों से रिश्तों में दरार आ जाती है। मनमुटाव, तनाव और कलह के कारण घर का वातावरण भारी लगने लगता है। ऐसे समय में व्यक्ति केवल समाधान ही नहीं चाहता, बल्कि भीतर से शांति और प्रेम का संचार भी चाहता है। हमारी परंपरा कहती है कि यह संतुलन और प्रेम राधा रानी और श्री कृष्ण के आह्वान से मिल सकता है, क्योंकि उनका नाम ही प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है। मान्यता है कि राधा अष्टमी का दिन इस संयुक्त आराधना के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। दरअसल राधा अष्टमी वहीं शुभ दिन है जब राधारानी का प्राकट्य हुआ था। कहते इस दिव्य अवसर पर जब भक्त श्रद्धा के साथ अपने मन और भावनाओं को श्री राधा-कृष्ण के चरणों में अर्पित करता है, तो उसके हृदय की अशांति धीरे-धीरे शांत होने लगती है।
सनातन धर्म के अनुसार राधा जी को भगवान श्रीकृष्ण की आत्मा का स्वरूप और उनकी सबसे प्रिय शक्ति कहा गया है। कहा यह भी जाता है कि श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए पहले राधा जी का आशीर्वाद जरुरी है। इसीलिए राधा अष्टमी के दिन जब राधा-कृष्ण की संयुक्त पूजा की जाती है तो परिवार में प्रेम, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों में भी वर्णित है कि राधा रानी के नाम का स्मरण ही श्री कृष्ण तक पहुँचने का सबसे सरल मार्ग बन सकती है। राधा अष्टमी की पावन महिमा को समझते हुए इस वर्ष मथुरा के पवित्र राधा दामोदर मंदिर में राधा कृष्ण पंचामृत अभिषेक और राधा कृष्ण अद्भुत श्रृंगार अनुष्ठान का आयोजन श्री मंदिर के माध्यम से किया जा रहा है।
इस अनुष्ठान में सम्मिलित पंचामृत अभिषेक केवल दूध-दही-घी-शहद-शक्कर का मिश्रण नहीं है, बल्कि यह भक्त की श्रद्धा और आत्मसमर्पण का प्रतीक है। वहीं श्रृंगार अनुष्ठान में जब राधा-कृष्ण को अलंकारों से सजाया जाता है, तो वह सौंदर्य केवल मूर्तियों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि भक्त के मन को भी मधुरता और सहजता से भर देता है। मान्यता है कि इस प्रकार की उपासना परिवार में एकता और आपसी विश्वास को गहरा करती है और जीवन में सौम्यता का संचार करती है। राधा के स्मरण से मन स्थिर होता है और कृष्ण की कृपा का अनुभव सहजता से मिलता है।
इस दिव्य अनुभव को महसूस करने के लिए श्री मंदिर के माध्यम से इस संयुक्त अनुष्ठान के भागी बनें।✨