🕉️ जब घर में शांति दूर महसूस होने लगे और रिश्तों में तनाव बढ़ जाए, तो यह अक्सर गहरे ऊर्जा असंतुलन या ग्रहों के प्रभाव की ओर संकेत करता है, जो पारिवारिक सौहार्द को प्रभावित करते हैं। लेकिन हमारे प्राचीन शास्त्र इस स्थिति का एक पवित्र समाधान बताते हैं — भगवान शिव की आराधना। भगवान शिव करुणा, संरक्षण और संतुलन के सर्वोच्च स्वरूप हैं। किसी शक्तिशाली शिव क्षेत्र में की गई विशेष पूजा से नकारात्मकता दूर होती है, मन के तनाव शांत होते हैं, और परिवार में प्रेम, समझ और एकता वापस स्थापित होती है।
🕉️ काशी स्थित गौरी-केदारेश्वर महादेव मंदिर अत्यंत पवित्र और रहस्यमयी महत्व रखता है। कहा जाता है कि भगवान श्री राम के वंश में आने वाले राजा मंदाता ने यहाँ कठोर तपस्या की थी। वह प्रतिदिन भगवान शिव को खिचड़ी का भोग अर्पित करते थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव उसी भोग से प्रकट हुए और यहाँ गौरी-केदारेश्वर शिवलिंग के रूप में विराजमान हुए। यह दिव्य स्वरूप भगवान शिव और माता पार्वती के संयुक्त रूप का प्रतीक है, जिसमें गौरी, केदारेश्वर, महाविष्णु, महालक्ष्मी और देवी अन्नपूर्णा – पाँचों की ऊर्जा का संगम विद्यमान माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि यहाँ पूजा करने से केदारनाथ धाम की यात्रा का समान फल मिलता है और घर के क्लेश, कष्ट और मनमुटाव दूर हो जाते हैं।
🕉️ इस विशेष पूजा में श्री गौरी-केदारेश्वर महादेव के सम्मुख गंगाजल और बिल्व पत्र से अभिषेक किया जाता है, साथ ही शक्तिशाली शिव मंत्रों का जप और प्रार्थना होती है। श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में सहभागिता करना परिवार के वातावरण को पवित्र और शांत बनाने, आपसी विश्वास और प्रेम को मजबूत करने, तथा घर में सुख-समृद्धि आकर्षित करने का एक दिव्य अवसर है। भगवान शिव की कृपा से घर में सुरक्षा, सद्भाव और कल्याण की अनुभूति संभव है। यह अनुष्ठान सोम प्रदोष काल में सामान्य से कई गुना प्रभावी माना गया है।