🪔 क्या आपने कभी महसूस किया है कि आप कितना भी प्रयास कर लें, जीवन आगे बढ़ता ही नहीं? आप मेहनत करते हैं, फिर भी करियर में प्रगति रुक जाती है। परिवार में बिना कारण विवाद होने लगते हैं। बच्चों की शिक्षा या करियर में अचानक बाधाएं आने लगती हैं। आर्थिक अस्थिरता और बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ परिवार को पीछे खींचती रहती हैं। सनातन धर्म के अनुसार, ऐसी परेशानियाँ कई बार पितृ दोष के कारण होती हैं — जब हमारे पूर्वजों की आत्मा को पूर्ण शांति नहीं मिलती या श्राद्ध और तर्पण विधि सही ढंग से नहीं हो पाती।
शास्त्रों में कहा गया है कि जब तक हमारे पितरों को शांति नहीं मिलती, तब तक उनके अपूर्ण संस्कार या इच्छाएँ हमारे जीवन में बाधाओं के रूप में प्रकट हो सकती हैं। सनातन में कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पितृ दोष शांति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन तर्पण और पिंड दान का विशेष महत्व बताया गया है। वेद, उपनिषद और पुराणों में पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले इन अनुष्ठानों की महिमा स्पष्ट रूप से वर्णित है। जब ये अनुष्ठान मोक्ष और महादेव की नगरी काशी में संपन्न होते हैं तो इनका महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
🪔 इन्हीं उद्देश्यों से, पितृ दोष शांति महापूजा और काशी गंगा आरती एक विशेष अवसर है। यह महापूजा काशी के पवित्र पिशाच मोचन कुंड में की जाएगी, जिसे पुराणों में ‘मोक्ष प्रदान करने वाला तीर्थ’ बताया गया है। मान्यता है कि यहाँ किए गए पितृ अनुष्ठान पूर्वजों की आत्मा को निचले लोकों से मुक्ति देकर उच्च लोकों की ओर अग्रसर कर सकते हैं। इसके साथ ही, माँ गंगा के मोक्षदायिनी अस्सी घाट पर भव्य गंगा आरती संपन्न होगी, जिससे परिवार में शांति, समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होने की मान्यता है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस महानुष्ठान में घर बैठे सहभागी बनें और अपने पितरों के आशीर्वाद से शांति, सफलता और कल्याण का आशीर्वाद पाएं।