काशी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। यहाँ बहने वाली माँ गंगा की पवित्र धारा जीवन और मुक्ति के बीच सेतु मानी जाती है। ऐसा विश्वास है कि काशी में किए गए हर कर्मकांड सीधे भगवान शिव की कृपा से जुड़ते हैं और आत्मा को मोक्ष की ओर ले जाते हैं। काशी में स्थित पिशाच मोचन कुंड पितृ तर्पण और पिंड दान के लिए अत्यंत पवित्र स्थान है। यहाँ पिंड दान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
✨ अमावस्या – पितृ तृप्ति का पावन अवसर
अमावस्या का दिन पितरों की शांति और मोक्ष के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन की दिव्य ऊर्जा पितरों की आत्माओं तक प्रकाश और मुक्ति पहुँचाने में सहायक होती है। माँ गंगा में स्नान कर पितृ शांति पूजा, पिंड दान और तर्पण करने से परिवार में शांति, सौहार्द और समृद्धि के आशीर्वाद मिलते हैं।
यह विशेष पूजा पिशाच मोचन कुंड पर की जाएगी, जहाँ असंख्य भक्तों ने अपने पितरों की मुक्ति के लिए प्रार्थना की है। पूजा के अंत में असी घाट पर गंगा आरती की जाएगी, जिससे माँ गंगा के आशीर्वाद से पवित्रता, समृद्धि और परिवार में एकता बनी रहती है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अवसर पर काशी पितृ शांति महापूजा में सम्मिलित होकर आप अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर सकते हैं। माना जाता है कि जब पितर प्रसन्न होते हैं, तो वे जीवन की अदृश्य बाधाओं को दूर करते हैं, परिवार को स्थिरता देते हैं और आने वाली पीढ़ियों को सुख और सफलता का आशीर्वाद देते हैं। 🌸🪔