🔥 आज के समय में बार-बार होने वाली बीमारियाँ, चिंता और मानसिक थकावट मनुष्य की जीवन-ऊर्जा और शांति को नष्ट कर देती हैं। जब शरीर और मन का संतुलन बिगड़ जाता है, तब वास्तविक उपचार केवल दिव्य कृपा से ही संभव होता है। सनातन धर्म में इसका आधार है भगवान शिव की अनंत कृपा, जो जीवन और चेतना के शाश्वत स्रोत माने जाते हैं। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजित भगवान शिव रोग, भय और दुख के संहारक हैं। उनकी पवित्र उपस्थिति उस शक्ति का प्रतीक है जो शरीर, मन और आत्मा में स्वास्थ्य, समरसता और स्पष्टता को पुनर्स्थापित करती है।
🔥 ऐसा माना जाता है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में श्रद्धा और भक्ति से की गई पूजा, भगवान शिव की दिव्य उपचार शक्ति के माध्यम से सभी पीड़ाओं और अशुद्धियों को नष्ट करती है। उनकी कृपा से रोग शांत होते हैं, शक्ति लौटती है और मन को शांति प्राप्त होती है। वे अपने भक्तों को सुरक्षा, साहस और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं तथा उन्हें जीवन के संघर्षों से निकालकर आंतरिक संतुलन और दिव्य शांति की ओर मार्गदर्शन करते हैं।
🔥 भगवान शिव की आरोग्य प्रदायिनी कृपा को आमंत्रित करने के लिए श्री मंदिर के माध्यम से मध्यप्रदेश स्थित पवित्र ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, जो नर्मदा नदी के बीच मन्धाता द्वीप पर स्थित है, में विशेष आरोग्य और कल्याण पूजा तथा रुद्र यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है।
🔥 पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, यही वह स्थान है जहाँ भगवान शिव ने विश्व के कल्याण और आरोग्य के लिए अपने ज्योतिर्लिंग स्वरूप का प्रकट किया था। यहाँ रुद्राभिषेक और यज्ञ करने से दीर्घकालिक रोगों का नाश होता है, आभामंडल शुद्ध होता है और जीवन में दिव्य शक्ति तथा संतुलन का संचार होता है।
🛕 श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र पूजा और यज्ञ में सहभागी बनकर आप भगवान शिव की दिव्य सुरक्षा, स्वास्थ्य की पुनर्प्राप्ति और मानसिक शांति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं जिससे ‘ॐ’ की शाश्वत स्पंदन शक्ति आपके जीवन के हर पक्ष को आरोग्य और समरसता से भर दे।
🛕 श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा और यज्ञ में भाग लेकर आप भगवान शिव के आशीर्वाद से बेहतर स्वास्थ्य, मानसिक शांति और जीवन में स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं।