आज के समय में बार-बार बीमार पड़ना या शरीर का कमजोर रहना आम बात हो गई है। ऐसी समस्याएँ मन और सोच पर भी असर डालती हैं और हमें थका हुआ महसूस कराती हैं। अगर आप भी ऐसे कठिनाइयों से राहत पाने का तरीका ढूँढ रहे हैं, तो सनातन धर्म का भक्ति मार्ग इसका उपाय बताता है। भगवान शिव को ब्रह्मांड की सबसे बड़ी ऊर्जा माना जाता है। वे नकारात्मकता को दूर करते हैं और आत्मा को सही दिशा दिखाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव की भक्ति सच्चे मन से की जाती है, तो उनकी कृपा से जीवन की बड़ी परेशानियाँ भी आसानी से दूर हो जाती हैं।
भगवान शिव की कृपा से बीमारियाँ कम होती हैं, मन शांत रहता है और जीवन में सुरक्षा बनी रहती है। इसलिए कहा जाता है कि उनकी पूजा से अच्छा स्वास्थ्य और लंबी उम्र मिलती है। जीवन में कभी-कभी ऐसे समय आते हैं जब हम दुख, चिंता या मुश्किल हालात से गुजरते हैं। यदि इन बातों को समय पर ठीक न किया जाए, तो यह शरीर और मन दोनों को कमजोर कर देती हैं। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए श्री मंदिर भगवान शिव के नाम से विशेष स्वास्थ्य और कुशलता पूजा एवं यज्ञ का आयोजन कर रहा है। यह पवित्र अनुष्ठान श्री गौरी-केदारेश्वर महादेव मंदिर, काशी में संपन्न होगा, जिसे अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र स्थान माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस शिवलिंग के दर्शन करना उत्तराखंड में केदारनाथ के दर्शन के समान ही शुभ माना जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम के वंश के राजा मांधाता भगवान शिव के अनन्य भक्त थे। वे नियमित रूप से केदारनाथ जाते थे और भगवान शिव को खिचड़ी चढ़ाते थे। भगवान शिव की आज्ञा मानकर उन्होंने वाराणसी में कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से भगवान शिव खिचड़ी से शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए, जिन्हें गौरी केदारेश्वर के नाम से जाना जाता है।
कहते हैं कि इस शिवलिंग में केवल भगवान शिव ही नहीं, बल्कि गौरी, केदारेश्वर, महाविष्णु, महालक्ष्मी और देवी अन्नपूर्णा की उपस्थिति भी विद्यमान है, क्योंकि इसकी उत्पत्ति खिचड़ी से हुई थी। यही कारण है कि गौरी केदारेश्वर शिवलिंग का दर्शन करना अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है, और इसे देखकर भक्तों को आध्यात्मिक शांति और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा और यज्ञ में भाग लेकर, आप भगवान शिव की कृपा से अच्छा स्वास्थ्य, मानसिक शांति, लंबी आयु और जीवन में स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं।