🧿 सनातन परंपरा में नज़र दोष शांति काल भैरव रक्षा कवच तंत्रोक्त यज्ञ एक शक्तिशाली आध्यात्मिक विधि है, जिसका उद्देश्य व्यक्ति पर लगी बुरी नज़र, ईर्ष्या, तांत्रिक बाधा और अचानक उत्पन्न नकारात्मक प्रभावों को शांत करना है। इस यज्ञ में काल भैरव की तंत्रोक्त स्तुति, रक्षा कवच पाठ, अष्टभैरव आवाहन, एवं विशेष गुप्त मंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इस अग्नि में सरसों, नींबू, लौंग, काले तिल और भैरव प्रिय द्रव्यों की आहुति दी जाती है। यज्ञ के प्रभाव से ऊर्जा-क्षेत्र शुद्ध होता है, मानसिक उलझन दूर होती है और जीवन में सुरक्षा, स्थिरता तथा सकारात्मकता के बंद दरवाजे खुल सकते हैं।
🧿 इस अनुष्ठान का सबसे महत्वपूर्ण अंग है ‘रक्षात्मक कवच’, जो भक्तों को बड़े से बड़े खतरों से सुरक्षा का एहसास कराता है। काशी के श्री काल भैरव मंदिर से अभिमंत्रित रक्षा सूत्र अत्यंत शक्तिशाली और शुभ माना गया है। काल भैरव को ‘काशी का कोतवाल’ कहा जाता है, इसलिए उनके इस दुर्लभ अनुष्ठान से परिवार में अदृश्य नकारात्मक शक्तियों, भय, दुर्घटनाओं, बाधाओं और अचानक आने वाली विपत्तियों से सुरक्षा की मान्यता है। यह महापूजा भैरव मंत्रों, तंत्रोक्त न्यास, धूप-हवन और विशेष संकल्प के साथ संपन्न की जाती है।
🧿 कालाष्टमी पर काशी के श्री काल भैरव मंदिर में किया जाने वाला काल भैरव रक्षा कवच तंत्रोक्त यज्ञ अत्यंत प्रभावशाली और तीव्र फलदायी माना गया है। इस पावन रात्रि में भैरवदेव के उग्र-कल्याणकारी स्वरूप की विशेष साधना, तंत्रोक्त स्तुति, भैरव कवच पाठ, अष्टभैरव आह्वान और सुरक्षा हवन संपन्न किया जाता है। सरसों, काले तिल, लौंग, उड़द और नींबू की आहुति से नज़र दोष, भूत-बाधा, तांत्रिक प्रभाव और अचानक उत्पन्न विपत्तियों का नाश संभव है। इस विशेष यज्ञ से सुरक्षा चक्र मजबूत होता है, भय दूर होते हैं और भक्तों को जीवन में बार-बार नजर लगने और नकारात्मकता से दिव्य राहत का आशीष मिलता है।
🔱 श्री मंदिर के माध्यम से इस दुर्लभ अनुष्ठान का हिस्सा बनें और नजरदोष, शत्रुओं से सुरक्षा के साथ श्री भैरव मंदिर से नए साल में नई शुरुआत का आशीर्वाद पाएं