नज़र दोष, जिसे बुरी नज़र भी कहा जाता है, लोक परंपरा और धार्मिक मान्यताओं में इसे लेकर एक मजबूत धारणा है। माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति दूसरे की उन्नति, सुख या सफलता को जलन या नकारात्मक भावना से देखता है, तो उसकी नकारात्मक ऊर्जा उस व्यक्ति के जीवन में रुकावटें पैदा कर सकती है। इसके प्रभाव से अचानक आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य समस्याएं, मानसिक तनाव और काम में बाधाएं बढ़ने लगती हैं। इन रुकावटों को सफलता में बदलने के लिए नए साल के गुरुवार को श्री बटुक भैरव और मां बगलामुखी की संयुक्त साधना बेहद फलदायी हो सकती है। मां बगलामुखी 8वीं महाविद्या हैं और बटुक भैरव, भैरव देव के बाल रूप माने जाते हैंं। इन दो महाशक्तियों की आराधना जब महादेव की काशी स्थित श्री बटुक भैरव मंदिर में संपन्न होने जा रही हो तो यह सामान्य से कई गुना फलदायी हो जाती है।
गुरुवार को मां बगलामुखी हवन, विशेष रूप से शत्रु बाधा, नकारात्मक शक्तियों और उन्नति की कामना के लिए किया जाता है। मां बगलामुखी को ‘स्तंभन शक्ति की देवी’ माना जाता है, जो विरोधियों की बुद्धि और नकारात्मक प्रभाव को शांत कर सकती हैं। गुरुवार को श्री बटुक भैरव रक्षा कवच तंत्रोक्त यह के साथ मां बगलामुखी का महाहवन भक्तों को नए साल में नजरदोष से कवच रूपी सुरक्षा दे सकता है।
🪔 द्वि-शक्ति सुरक्षा: भैरवदेव और मां बगलामुखी का संयुक्त आशीर्वाद
माँ बगलामुखी को शत्रु और नकारात्मक शक्तियों को रोकने वाली देवी माना गया है। उनकी उपासना से मानसिक स्थिरता, आंतरिक शक्ति और साहस की दिशा मिलती है। माँ की साधना न केवल बाहरी शत्रुओं, बल्कि अंदरूनी भय और असुरक्षाओं को भी कम करती है। वहीं, श्री बटुक भैरवदेव के रक्षा-कवच रूपी यज्ञ और मां बगलामुखी के विशेष हवन को नज़र दोष और अदृश्य रुकावटों को दूर करने में अत्यंत प्रभावी माना गया है। वैदिक मंत्रों और विशेष आहुतियों के माध्यम से भक्तों के चारों ओर एक आध्यात्मिक सुरक्षा-चक्र स्थापित हो सकता है, जो पूरे साल को शुभता प्रदान करे।
जब भैरवदेव और मां बगलामुखी की संयुक्त पूजा की जाती है तो भक्तों को दोहरी शक्ति मिलती है। यह संयोजन मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत करता है। इस अनुष्ठान में सहभागी होकर भक्त स्वयं और अपने परिवार को अदृश्य नकारात्मक प्रभावों से बचाने का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह अनुष्ठान न केवल सुरक्षा देता है, बल्कि जीवन में संतुलन और सकारात्मकता से भरा रास्ता भी तैयार कर सकता है। श्री मंदिर द्वारा संपन्न कराई जाने वाली इस द्वि-शक्ति पूजा में भाग लेना न भूलें!