नज़र दोष (बुरी नज़र) शांति पूजा और यज्ञ नकारात्मक ऊर्जा, बाधाओं और अचानक उत्पन्न होने वाली परेशानियों को शांत करने के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि हवन की अग्नि में नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और मानसिक शांति, सुरक्षा के साथ सुख-समृद्धि के द्वार खुल सकते हैं। यह विशेष पूजा इस मंगलवार भद्रकाली शक्तिपीठ, कुरुक्षेत्र में होने जा रही है, जो अपने आप में सुनहरा अवसर है। भद्रकाली शक्तिपीठ, कुरुक्षेत्र में किया जाने वाला नज़रदोष पूजा-यज्ञ अत्यंत प्रभावशाली और पारंपरिक विधि मानी गई है। यह शक्तिपीठ उस पावन स्थल पर है, जहां महाभारत युद्ध से पूर्व पाण्डवों ने माता भद्रकाली को विजय का संकल्प अर्पित किया था। ऐसी मान्यता है कि यहां की देवी रूप से नकारात्मक ऊर्जा, ग्रहबाधा, दुष्ट दृष्टि और अनचाही रुकावटें तुरंत शांत होती हैं।
नज़रदोष शांति पूजा यहां देवी के उग्र रूप की कृपा प्राप्त कराने हेतु की जाती है। सबसे पहले विद्वान पुरोहितों द्वारा शुद्धिकरण, रक्षा-सूत्र और संकल्प कराया जाता है। इसके बाद काली तिल, सरसों, कपूर, लौंग, घी, नींबू और सुरभि-समिधा जैसे दिव्य तत्वों से विशेष हवन किया जाता है। मंत्रोच्चार में “ॐ भद्रकाल्यै नमः”, “काली बीज मंत्र” और “दुर्गा कवच” का पाठ शामिल होता है।
हवन की अग्नि में नज़र, बाधा, ईर्ष्या, डाह और नकारात्मक स्पंदनों का नाश माना जाता है। पूजा के बाद मंदिर परिसर में स्थित पवित्र यज्ञभूमि की परिक्रमा और देवी के चरणों में लाल पुष्प, सिंदूर व नारियल अर्पित किया जाता है। इस अनुष्ठान से मानसिक संरक्षण, आत्मविश्वास, घर-परिवार की सुरक्षा तथा कार्यों में सुगमता प्राप्ति संभव है। भक्त मानते हैं कि भद्रकाली की विशेष कृपा से नज़रदोष शांत हो सकते हैं और जीवन में सकारात्मकता की सही दिशा मिल सकती है।
जहां पांडवों ने श्री कृष्ण के साथ की थी मां भद्रकाली की पूजा… इस कथा में छिपा है पूजा का महत्व 🛕
मंगलवार के शुभ काल में मां भद्रकाली शक्तिपीठ में विशेष नज़र दोष (बुरी नज़र) शांति पूजा और यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यह अनुष्ठान कुरुक्षेत्र स्थित श्री देवीकूप भद्रकाली मंदिर में होगा, जो 52 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यहां पर मां सती का दाहिना टखना गिरा था, जिससे यह स्थान बेहद पवित्र और शक्तिशाली बन गया। एक दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत युद्ध से पहले पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण के साथ यहां माँ भद्रकाली की आराधना कर युद्ध में विजय का आशीर्वाद पाया था।
श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में शामिल हों और बुरी नज़र हटाने, नकारात्मकता के नाश और सौभाग्यशाली जीवन का दिव्य आशीर्वाद पाएं।