दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए महाकुंभ नगरी पहला शाही स्नान विशेष नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा
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महाकुंभ नगरी पहला शाही स्नान विशेष

नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा

दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए
temple venue
त्रिवेणी संगम, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश
pooja date
13 January, Monday, पौष शुक्ल पूर्णिमा
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दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए महाकुंभ नगरी पहला शाही स्नान विशेष नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा

🙏 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा के दिन होगा पहला शाही स्नान

👉 महाकुंभ प्रारंभ में कैसे दिलाएं अपने पूर्वजों को शांति?

हिंदू धार्मिक परंपरा में सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ इस साल प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है। प्रयागराज को तीर्थराज यानि सभी तीर्थ स्थलों का राजा कहा जाता है, क्योंकि यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम है। जब बृहस्पति वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं, तो प्रयागराज में महाकुंभ आयोजित किया जाता है। पहला शाही स्नान पौष पूर्णिमा के दिन किया जाता है और यह कुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। शाही स्नान कुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों समेत करोणों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए संगम घाट पर आते हैं। पहला शाही स्नान कुंभ मेले की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है जोकि हमेशा एक प्रमुख आकर्षण का केन्द्र होता है। इस बार 2025 कुंभ मेले का पहला शाही स्नान 13 जनवरी को होगा।

हिंदू धर्म में इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है और इस पावन दिन पितृ शांति महापूजा करने से दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है। इसलिए प्रथम शाही स्नान के पावन अवसर पर महाकुंभ नगरी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा का आयोजन किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा करने से पितृ श्राप दूर होता है और दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है और उन्हें भगवान विष्णु के धाम में स्थान मिलता है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु गरुड़ देव (पक्षियों के राजा) को समझाते हैं कि जो लोग असामयिक या अप्राकृतिक मृत्यु का सामना करते हैं या बुरे कर्मों के कारण होते हैं, उन्हें पिशाच योनि (भूत लोक) के कष्टों का सामना करना पड़ सकता है और दूसरों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। ऐसी आत्माओं के उद्धार के लिए नारायण बलि और नाग बलि पूजा करना अत्यधिक प्रभावी माना जाता है।

त्रिवेणी संगम, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश

त्रिवेणी संगम, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश
हिंदू धर्म में त्रिवेणी संगम को अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है। यह वह स्थान है जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती तीनों नदियाँ एक साथ मिलती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस संगम में स्नान करता है, वह अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है, अर्थात जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त करता है। इसलिए हर 12 वर्षों में कुंभ मेले का आयोजन यहाँ होता है, जहाँ लाखों श्रद्धालु स्नान कर मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के समय यज्ञ के लिए धरती पर प्रयागराज को चुना था। इस स्थान को उन्होंने विशेष महत्व दिया और यहाँ यज्ञ का आयोजन किया। इस यज्ञ के बाद से ही यह स्थल धर्म, तप और साधना के केंद्र के रूप में विख्यात हो गया। इसलिए प्रयागराज को "तीर्थराज" कहा जाता है, अर्थात सभी तीर्थों का राजा। यहाँ यज्ञ करने से इस स्थान को दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण माना जाता है, और यहाँ स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है। त्रिवेणी संगम पर नारायण बलि पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान विशेष महत्व रखते हैं। मान्यता है कि इस स्थान पर पितृ दोष से मुक्ति के लिए पूजा करने से पितरों को शांति मिलती है और कुंडली से पितृ दोष की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। संगम पर नारायण बलि, नाग बलि, और पितृ शांति महापूजा आत्मा की शुद्धि और पितरों को शांति प्रदान करने में सहायक मानी जाती है।

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अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पार्टनर पूजा

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पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पारिवारिक पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
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संयुक्त परिवार पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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