पौष शुक्ल पूर्णिमा से प्रयागराज में विश्वविख्यात माघ मेले का शुभारंभ माना जाता है। यही वह पावन तिथि है, जब गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर माघ मेले का पहला स्नान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन संगम में किया गया स्नान मन, शरीर और कर्म तीनों स्तरों पर शुद्धि का भाव लेकर आता है। पौष शुक्ल पूर्णिमा से माघ मास तक का समय शास्त्रों में विशेष साधना काल के रूप में जाना गया है, जब दान, स्नान और पितृ स्मरण का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसी कारण माघ मेले का यह प्रारंभिक दिन आत्मिक शांति और जीवन संतुलन के लिए विशेष माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार संगम तट पर किए गए कर्म सीधे पितरों तक पहुंचते हैं। पौष शुक्ल पूर्णिमा से आरंभ हुआ माघ मेला पितृ शांति, पिंडदान और तर्पण के लिए अत्यंत शुभ समय माना गया है। ऐसा विश्वास है कि इस अवधि में पितरों के लिए की गई प्रार्थनाएं उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का माध्यम बनती हैं और जीवन में आ रही अनजानी रुकावटों को समझने में सहायता करती हैं। इसी भाव के साथ इस पावन अवसर पर नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा का आयोजन किया जा रहा है।
नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा भगवान विष्णु, नागदेव और पितरों की संयुक्त आराधना का एक विशेष अनुष्ठान माना जाता है। जिन लोगों के जीवन में पितृ ऋण, नाग दोष या बार बार आर्थिक अस्थिरता और मानसिक बोझ जैसी स्थितियां बनी रहती हैं, उनके लिए यह पूजा एक आध्यात्मिक समाधान के रूप में देखी जाती है। नारायण बलि में भगवान विष्णु का स्मरण कर जीवन में संतुलन और सुरक्षा की भावना को मजबूत किया जाता है। नाग बलि के माध्यम से नागदेव से क्षमा और शांति की कामना की जाती है। वहीं पितृ शांति पूजा में तर्पण और पिंडदान द्वारा पूर्वजों का सम्मान किया जाता है।
मान्यता है कि इन तीनों साधनाओं का संयुक्त प्रभाव व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि के प्रति सकारात्मक प्रवाह को समझने और स्वीकार करने का मार्ग खोलता है। यह अनुष्ठान केवल भौतिक इच्छाओं तक सीमित नहीं रहता, बल्कि परिवार में संतुलन, मानसिक स्थिरता और आत्मिक शांति की भावना को भी मजबूत करने में मदद कर सकता है।
पौष शुक्ल पूर्णिमा के इस पावन दिन पर यह संपूर्ण अनुष्ठान श्री मंदिर के माध्यम से प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर आयोजित किया जा रहा है। माघ मेले के इस शुभ प्रारंभ में भाग लेकर श्रद्धालु अपने पितरों का स्मरण कर सकते हैं और जीवन में धन, समृद्धि और शांति के भाव के साथ नए चरण की शुरुआत कर सकते हैं।