सनातन धर्म में हनुमान जी, शनिदेव और राहुदेव ऐसी शक्तियां हैं, जो कलियुग में भक्तों के जीवन से नकारात्मकता और संकटों को क्षण भर में दूर करने की शक्ति रखती हैं। इन तीनों देवों की विधिवत संयुक्त आराधना एक दुर्लभ अवसर है, जिसमें भाग लेने से भक्तों के जीवन में नए और बड़े बदलाव आ सकते हैं। इस बार उज्जैन के श्री नवग्रह शनि मंदिर में 21 विद्वान पुरोहितों द्वारा 21,000 हनुमान गायत्री मंत्र जाप, 23,000 शनि मूल मंत्र जाप और 18,000 राहु मूल मंत्र जाप होने जा रहा है, जो इस साल का सुनहरा अवसर है।
🚩 शनिवार और हनुमान जी का संबंध इसलिए भी बहुत गहरा है, क्योंकि हनुमान जी, शनि देव के प्रभाव से राहत दिलाने के लिए भी पूजे जाते हैं। कलियुग में पवन पुत्र की कृपा से शनि और राहु सहित सभी ग्रहों के बुरे दोषों से राहत की दिशा मिल सकती है। हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति को किसी भी तरह का डर और चिंता नहीं सताती। वैदिक ज्योतिष में शनि और राहु, दोनों ग्रहों के अशुभ प्रभावों को विस्तार से बताया गया है। जिस भी भाव में ये ग्रह विराजमान होते हैं, उनका असर समय-समय पर नकारात्मक हो सकता है। इनके बुरे प्रभाव से जीवन में हमेशा चिंता बनी रहती है और मन में बुरे, नकारात्मक विचार आते रहते हैं।
🚩 जहां, कलयुग में राहु को सबसे प्रभावशाली और ताकतवर ग्रह माना गया है, वहीं हनुमान जी को ‘कलियुग के देवता’ के रूप में पूजा जाता है। राहु की अशुभ स्थिति से व्यक्ति जुआ, लॉटरी, शेयर बाज़ार आदि से जल्द अमीर बनने का भ्रम पाल लेता है, जिससे बाहर आने के लिए हनुमान जी की पूजा बहुत फलदायी मानी गई है। राहु के अलावा शनि एवं हनुमान जी के बीच भी गहरा संबंध है, जिसकी एक कथा भी प्रचलित है:
🚩 त्रेतायुग में रावण ने अन्य ग्रहों के साथ शनिदेव को भी बंधक बना लिया था। कुछ समय बाद जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे तो उन्होंने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त कराया। इससे प्रसन्न होकर शनि देव ने हनुमान जी से वादा किया कि उनके भक्तों पर शनि के बुरे प्रभाव नहीं पड़ेंगे। तभी से यह माना जाने लगा कि जो भी भक्त हनुमान जी की पूजा करेंगे, उन्हें शनि के अशुभ असर से राहत मिलेगी। उज्जैन के श्री नवग्रह शनि मंदिर में 21 ब्राह्मणों द्वारा इस महानुष्ठान का भव्य आयोजन होने जा रहा है।
🚩 श्री मंदिर द्वारा इस पूजा में भाग लें और जीवन में नकारात्मकता और बाधाओं से सुरक्षा का दिव्य आशीर्वाद पाएं। 🚩