💍 भारतीय परंपरा में विवाह को एक पवित्र संयोग माना जाता है, जिसे दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह केवल सामाजिक साझेदारी नहीं बल्कि दो आत्माओं, दो परिवारों और दो भाग्य का मिलन है। फिर भी, कई लोग विवाह में देरी, संबंधों में गलतफहमियाँ या बार-बार भावनात्मक कठिनाइयों का सामना करते हैं। ऐसे संकट मन को कमजोर कर सकते हैं, शांति भंग कर सकते हैं और सच्चे साथी को पाने में आत्मविश्वास को हिला सकते हैं।
भगवान शिव और माता पार्वती को संपूर्ण वैवाहिक सामंजस्य, अटूट प्रेम और पूर्ण भक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनका मिलन संतुलन, विश्वास, सम्मान और उच्चतम आध्यात्मिक साथ का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि जब विवाह या संबंधों में बाधाएँ आती हैं, तो शिव-पार्वती की पूजा से भावनात्मक अशांति शांत होती है, कर्म संबंधी अड़चनें दूर होती हैं और जोड़े के बीच शांति, एकता और समझ बहाल होती है।
यह पवित्र अनुष्ठान काशी के श्री गौरी-केदारेश्वर महादेव मंदिर में संपन्न होगा, जहाँ विशेष मंत्र जाप और दिव्य यज्ञ द्वारा महादेव और माता पार्वती के आशीर्वाद की प्राप्ति होगी। परंपरा के अनुसार, जो भक्त इस दिव्य युगल की भक्ति और विश्वास के साथ पूजा करते हैं, उन्हें संबंधों में बाधाओं से मुक्ति, भावनात्मक घावों के उपचार और प्रेम व पारस्परिक सम्मान के बंधन को मजबूत करने का आशीर्वाद मिलता है।
श्री मंदिर के माध्यम से भक्त इस पूजा में भाग लेकर शिव-पार्वती के आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। उनके दिव्य कृपा से:
सही जीवनसाथी पाने का मार्ग खुल सकता है।
टूटे या तनावपूर्ण संबंधों में सुधार हो सकता है।
जीवन में प्रेम, स्थिरता और आपसी समझ प्रगट हो सकती है।
🕉️✨ शिव–पार्वती विवाह मंगल पूजा आपके जीवन को सामंजस्य, भक्ति और आजीवन साथी के साथ खुशियों से भर दे। 🙏🌸