🔥ज्योतिषीय दृष्टि से साल 2025 को मंगल का वर्ष माना गया है, क्योंकि यह वर्ष ऊर्जा, साहस, परिश्रम और निर्णायकता का प्रतीक रहा। मंगल की प्रबलता से भूमि, संपत्ति, करियर में प्रगति और साहसिक कार्य सफल होते हैं। साथ ही मंगल के दुष्प्रभावों में क्रोध, जल्दबाज़ी, तनाव और कर्मों से जुड़े कर्जे भी शामिल हैं। जल्द साल 2025 का समापन होने वाला है और हम साल 2026 में नई ऊर्जा के साथ प्रवेश करने की योजनाएं बना रहे हैं। यदि आप इस पूरे साल कर्जों में दबे रहे, पैसों की समस्याएं अब तक कम नहीं हुईं तो आखिरी महीने के 18 दिनों में मंगलदेव को प्रसन्न करने का अवसर आ गया है। मंगल के जन्मस्थान पर मंगल 1.8 लाख 18 दिन मूल मंत्र जाप और दशांश हवन होने जा रहा है, जो नए साल में आगे बढ़ने के लिए कर्जमुक्त और खुशहाल रास्ते तैयार कर सकता है। 8+1 = 9 जो कि मंगल मूलांक है, यह संयोग इस महापूजा को और ज्यादा फलदायी बना सकता है।
⚡ इस अवसर पर लगातार 18 दिन तक मंगल ग्रह के मूल मंत्र का 1.8 लाख जाप 18 दिनों में संपन्न कराया जाएगा, जिसमें विद्वान पुरोहितों का विशेष योगदान होगा। मान्यता है कि मंगलदेव को समर्पित यह अत्यंत शक्तिशाली और तेज़ी से फल देने वाली ग्रह-शांति साधना है। इस मंत्र का 18 दिन तक प्रतिदिन 10,000 जाप करने से जीवन में मौजूद मंगल दोष, कर्ज़ और मानसिक तनाव के प्रभाव शांत हो सकते हैं। यह महासाधना साहस, आत्मविश्वास, करियर में रफ्तार और नए साल के लिए उन्नति के नए-नए मार्ग बना सकती है।
🔥 उज्जैन के श्री मंगलनाथ महादेव मंदिर में किया जाने वाला दशांश हवन मंगल ग्रह शांति का अत्यंत प्रभावी और प्रामाणिक अनुष्ठान माना गया है। मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह का जन्मस्थान बताया गया है, इसलिए यहां सम्पन्न होने वाला हवन और दोष शांति पूजा कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है। मंगल ग्रह से जुड़े 1.8 लाख जाप पूर्ण होने के बाद, उसका दशांश हवन—अर्थात कुल मंत्र संख्या के दसवें भाग का हवन—किया जाता है। इस हवन में तिल, घी, लाल फूल और लाल चंदन जैसे द्रव्यों का प्रयोग होता है।
⚡ श्री मंदिर द्वारा यह 18 दिवसीय अनुष्ठान, मंगल दोष और कर्ज़ों से राहत के साथ नए साल में प्रवेश के लिए उन्नति के नए-नए अवसर ला सकता है।