🌺 जीवन में कई बार ऐसा समय आता है, जब पूरी कोशिश करने के बावजूद भी काम अटकने लगते हैं—देरी, गलतफहमियां, अचानक नुकसान या यह एहसास कि कोई नकारात्मक शक्ति आपके विरुद्ध काम कर रही है। बुज़ुर्ग और शास्त्र इसे नज़र या नकारात्मक दृष्टि कहते हैं। जब यह लंबे समय तक बनी रहती है, तो छोटे-छोटे काम भी बिगड़ने लगते हैं। शास्त्र कहते हैं कि जब अंधकार बहुत गहरा हो जाए, तब उसे दूर करने के लिए सबसे प्रबल और उग्र दिव्य शक्ति का आह्वान करना चाहिए। इसी कारण नए साल की पहली महापूर्णिमा पर किया जाने वाला महाविद्या अग्नि रक्षा महाकवच विशेष अनुष्ठान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह नया साल शुरू होते ही नकारात्मकता को दूर कर पूरे वर्ष के लिए परिवार के चारों ओर दिव्य सुरक्षा कवच स्थापित करने का दुर्लभ अवसर है।
🌺 माँ बगलामुखी वह देवी हैं, जो हानिकारक वाणी, कर्म और नकारात्मक इरादों को शांत और निष्क्रिय कर देती हैं। माँ प्रत्यंगिरा देवी उग्र रक्षक शक्ति हैं, जो प्रबल तंत्र, काली विद्या और नकारात्मक ऊर्जा को तुरंत निष्फल कर देती हैं। शास्त्रों में वर्णन है कि वे भगवान नरसिंह के ललाट से प्रकट हुईं और उनके उग्र स्वरूप को शांत किया—जिससे यह सिद्ध होता है कि ब्रह्मांड की सबसे तीव्र शक्तियाँ भी उनके सामने नतमस्तक होती हैं। यह सिद्धपीठ पर किया गया अनुष्ठान देवताओं जैसी अटूट सुरक्षा की प्रार्थना है।
🌺 इस दुर्लभ और शक्तिशाली अनुष्ठान में गहरे संकल्प के साथ 1,25,000 मूल मंत्र जाप किया जाता है, जिसका समापन 100 किलो लाल मिर्च अग्नि आहुति महायज्ञ से होता है। अग्नि में लाल मिर्च अर्पित करना कड़वाहट, क्रोध, छिपी नकारात्मकता और आपके या आपके प्रियजनों के प्रति किए गए बुरे इरादों को जलाकर नष्ट करने का प्रतीक है। जब जाप पूर्ण होता है और अंतिम आहुतियाँ दी जाती हैं, तब शास्त्रों के अनुसार एक अग्नि रक्षा महाकवच बनता है—जो चारों दिशाओं से नकारात्मकता को दूर रखता है।
🌺 श्री मंदिर के माध्यम से इसमें सहभागी होकर आप इस शक्तिशाली दिव्य रक्षा से जुड़ते हैं—देवी से प्रार्थना करते हैं कि वे बाधाओं को दूर करें, नकारात्मकता को शांत करें और नए साल में आपके घर और परिवार की रक्षा करें। 🙏