कई बार जीवन में ऐसा होता है कि हम पूरी मेहनत करते हैं, फिर भी काम रुकने लगते हैं या मन बार-बार बेचैन रहता है। कभी-कभी घर या काम में बिना किसी कारण के तनाव बढ़ने लगता है, और ऐसा महसूस होता है कि कोई अदृश्य शक्ति हमारे रास्ते में अड़चन डाल रही है। ऐसे समय में मां महाकाली की पूजा बहुत प्रभावशाली मानी जाती है। मां महाकाली को शक्ति और समय की अधिष्ठात्री देवी कहा गया है। वे भय, अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करती हैं और अपने भक्त की हर दिशा से रक्षा करती हैं। जब किसी व्यक्ति पर नज़र दोष, ईर्ष्या या मानसिक अस्थिरता का असर होता है, तो मां काली की उपासना उसे शांति, आत्मविश्वास और नई ऊर्जा देती है।
इन्हीं उद्देश्यों के लिए “महारात्रि महाकाली नज़र शांति एवं रक्षा कवच महानुष्ठान” आयोजित किया जा रहा है। यह पूजा उन लोगों के लिए है जो नकारात्मक सोच, भय या विरोधी परिस्थितियों से परेशान हैं। इस अनुष्ठान से व्यक्ति को मानसिक शांति और अदृश्य सुरक्षा का अनुभव होता है। यह पूजा कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट शक्तिपीठ में की जाएगी, जो मां काली की सबसे जाग्रत स्थली मानी जाती है। यहां महारात्रि के समय किया गया हर मंत्र और यज्ञ, व्यक्ति के चारों ओर एक अदृश्य सुरक्षा कवच बनाता है, जिससे बुरे प्रभाव दूर हो सकते हैं और मन में सकारात्मकता आती है।
पूजन के दौरान मां काली के बीज मंत्र “क्रीं” का जाप किया जाएगा। यह मंत्र व्यक्ति के अंदर छिपी शक्ति को जगाता है और भय, शंका तथा कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। यज्ञ के माध्यम से वातावरण में शुद्धता और दिव्यता फैलती है। माना जाता है कि इस रात की गई यह पूजा न केवल बाहरी नकारात्मकता से बचाव करती है, बल्कि भीतर की शांति और आत्मबल भी बढ़ाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस अनुष्ठान में श्रद्धा से भाग लेते हैं, वह जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और मानसिक सुकून का अनुभव कर सकते हैं।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र महारात्रि महाकाली नज़र शांति एवं रक्षा कवच महानुष्ठान से जुड़कर मां काली की कृपा और संरक्षण का आशीर्वाद पा सकते हैं।