🌕 वर्ष 2025 में मंगल महत्वपूर्ण खगोलीय और ज्योतिषीय प्रभावों के कारण चर्चा में रहा है। इस पूरे साल में हमने मंगल के कठोर प्रभाव, दुर्घटना, विवाद और निजी, व्यापारिक और वैश्विक झटके देखे। कुल मिलाकर 2025 में मंगल की गतिशीलता और प्रगति-उठापटक देखने को मिली। ज्योतिष शास्त्र में इस पूरे साल के कर्म ऋण, बाधाओं और मंगल दोषों के समाधान के लिए यही साल मंगलमयी भी है। इसलिए, दिसंबर महीने के 30 दिन उज्जैन के मंगलनाथ महादेव में एक दिव्य अनुष्ठान होने जा रहा है, जिसकी ऊर्जा आपके आने वाले साल को बदल सकती है। नए साल 2026 में जाने से पहले 2025 के सभी दोष इसी साल शांत हो सकते हैं और उन्नति के नए रास्ते नए साल को कई गुना फलदायी बना सकते हैं।
🌕 इस 30 दिवसीय महापूजा में मंगलदेव का 3 लाख जाप एक शक्तिशाली पारंपरिक अनुष्ठान है, जिसका उद्देश्य व्यक्ति के जीवन में मौजूद कर्म दोष, भूमि-वाहन संबंधी बाधाएं, ऊर्जा असंतुलन और दुर्घटनाओं के योग को शांत करना होता है। इस अनुष्ठान में विद्वान पुरोहितों द्वारा मंगलदेव के गुप्त मंत्रों का दीर्घकालिक संकल्प लेकर 3,00,000 बार जाप किया जाएगा। इस अनुष्ठान का आरंभ दिव्य काल में संकल्प लेकर किया जाता है। पहले देव-गण, ऋषि और कुलदेवताओं का आह्वान होता है, फिर मंगलदेव की विशेष पूजा, लाल पुष्प, लाल चोला, मसूर दाल, गुड़ और सिंदूर जैसे द्रव्यों से अर्चना की जाती है।
🌕 ऐसा माना जाता है कि 3 लाख मंगल जाप से कर्मजनित अवरोधों की शांति होती है, आत्मबल बढ़ता है, कोर्ट-कचहरी, भूमि-विवाद, शत्रु बाधा और दुर्घटना जैसे ‘संघर्ष योग’ शांत होते हैं। यह अनुष्ठान व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा, साहस और स्थिरता ला सकता है और आने वाले नए साल को पहले से ज्यादा सुखमयी और कल्याणकारी दिशा दिखा सकता है। मंगलनाथ महादेव मंदिर उज्जैन का अत्यंत पवित्र और खगोलीय ऊर्जा से युक्त स्थान माना गया है। पुराणों के अनुसार, यहीं से मंगल ग्रह का जन्म हुआ था, इसलिए इसे मंगल दोष निवारण का सर्वोत्तम तीर्थ कहा गया है। यह मंदिर प्राचीन सिंहस्थ क्षेत्र में, क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है, जहां ब्रह्मांडीय ऊर्जा विशेष रूप से सक्रिय मानी जाती है। यहां की जाने वाली यह 30 दिवसीय पूजा अपने आप में साल का आखिरी अवसर है, जो आपके आने वाले साल को कहीं ज्यादा फलदायी और कल्याणकारी बना सकता है।
🔱 श्री मंदिर द्वारा आयोजित होने जा रही 30 दिवसीय महा अनुष्ठान संकल्प महापूजा में भाग लें और मंगल दोषों के साथ बाधाओं से दैवीय रक्षा का शुभ आशीष पाएं।