✨ साल 2026 की पहली महा पूर्णिमा आपके जीवन में दिव्य सुरक्षा और आध्यात्मिक शक्ति लाने का एक बहुत ही शुभ अवसर है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, महा पूर्णिमा का दिन उस समय का प्रतीक है जब चंद्र ऊर्जा अपने चरम पर होती है और ब्रह्मांडीय शक्तियाँ मिलकर आध्यात्मिक विकास और सकारात्मक बदलाव का रास्ता खोलती हैं। इस पावन दिन कालीघाट शक्तिपीठ में शक्ति–समृद्धि 5 महाविद्या महा हवन करना देवी के साथ गहरा संबंध बनाने और उनकी शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि अपने जीवन में लाने का एक बेहतरीन तरीका है। कालीघाट 51 शक्तिपीठों में से एक पवित्र स्थान है, जहाँ माता सती के दाईं अंगुलियाँ गिरी थीं। यहाँ माँ काली, स्वयं आदि शक्ति, की उपस्थिति है, जो अंधकार को दूर करती हैं, भय मिटाती हैं और जीवन में संतुलन लाती हैं। मंदिर की दिव्य ऊर्जा भक्तों में अंदरूनी शक्ति और भक्ति जगाती है। इस 5 महाविद्या महा हवन में पाँच देवी रूपों की पूजा की जाती है, जो अलग-अलग दिव्य शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं:
🪷 माँ काली – भय, अहंकार और नकारात्मकता को दूर करती हैं।
🪷 माँ तारा – करुणामयी देवी, जो मार्गदर्शन, ज्ञान और साहस देती हैं।
🪷 माँ षोडशी (त्रिपुरा सुंदरी) – सौंदर्य और संतुलन की देवी, जो आंतरिक खुशी और समरसता लाती हैं।
🪷 माँ भुवनेश्वरी – सृष्टि और पालन की देवी, जो भक्तों को समृद्धि और वृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
🪷 माँ बगलामुखी – शक्ति और विजय की देवी, जो नकारात्मकताओं को दूर करती हैं और बाधाओं को हटाती हैं।
साल की पहली महापूर्णिमा पर इन पाँच महाविद्याओं का आशीर्वाद कई गुना बढ़ जाता है, क्योंकि इनमें महालक्ष्मी की दिव्य ऊर्जा धन, सौंदर्य और शुभता निहित है। इस हवन से शक्ति और समृद्धि की ऊर्जा मिलती है, जो जीवन में शांति, प्रगति और सफलता दिलाने में मदद करती है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में भाग लेकर, आप इन पाँच महाविद्याओं की संयुक्त कृपा पा सकते हैं। उनकी दिव्य ऊर्जा नकारात्मकताओं से सुरक्षा देती है, आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाती है और आपके जीवन में स्थायी समृद्धि, शांति और सकारात्मकता लाती है। 🙏