कभी-कभी सच्चे प्रयासों और नेक इरादों के बावजूद ऐसा लगता है कि समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। चाहे वह कार्य में रुकावटें हो, विवाह में तनाव हो या घर में लगातार बनी रहने वाली नकारात्मकता और शत्रु-बाधा, यह सब दिव्य सुरक्षा और दैवीय आशीष की कमी का संकेत माना जाता है। इन परिस्थितियों को पार करने की शक्ति केवल शरीर से नहीं आती, बल्कि एक मजबूत आंतरिक स्रोत से आती है। यह सुरक्षा मां दुर्गा के उग्र रूप मां ब्रजेश्वरी देवी से मिलती है, जिन्हें वज्र की देवी भी कहा गया है। उनका क्रोध केवल उन शक्तियों के लिए है, जो उनके भक्तों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में जुटी रहती हैं।
मां ब्रजेश्वरी और तंत्रोक्त चंडी हवन का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में मां ब्रजेश्वरी देवी मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जहाँ देवी सती का बायां वक्षस्थल गिरा था। यह भूमि आदि शक्ति की ऊर्जा से परिपूर्ण मानी गई है। एक कथा के अनुसार, जब देवता राक्षस कालिकाल से बहुत परेशान थे, तब मां पार्वती ने सहायता का वचन दिया। युद्ध में जब कालिकाल ने इंद्र का वज्र तोड़ दिया, तब मां दुर्गा उसी टूटे हुए वज्र से प्रकट हुईं और राक्षस को नष्ट कर डाला। उसके बाद वे वज्रेश्वरी के रूप में विराजमान हुईं और अपने भक्तों की सुरक्षा का आश्वासन दिया। पांडवों को भी अपने वनवास के दौरान सुरक्षा के लिए उनका मंदिर बनाने का निर्देश दिया गया था।
मंगलवार के दिन किया जाने वाला तंत्रोक्त चंडी हवन सीधे उसी उग्र ऊर्जा से जोड़ सकता है, जिसने कालिकाल को नष्ट किया था। इस विशेष अनुष्ठान में रक्षा कवच पाठ किया जाता है, जो आपके और आपके परिवार के चारों ओर एक मजबूत आध्यात्मिक सुरक्षा कवच तैयार कर सकता है। मां ब्रजेश्वरी को लाल श्रृंगार और चुनरी अर्पित करने से वही रक्षक शक्ति जाग्रत होती है, जिसने सभी बुराइयों को समाप्त किया था। विद्वान पुरोहितों द्वारा शक्तिपीठ परिसर में मंगलवार को यह अनुष्ठान संपन्न कराया जाएगा, जिसमें भाग लेने का अवसर हाथ से न जाने दें।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से यह विशेष पूजा आपके जीवन में आंतरिक शक्ति, सफलता और संपूर्ण सुरक्षा का दिव्य आशीर्वाद लाती है।