🙏🚩 सनातन परंपरा में माना गया है कि अमावस्या की रात्रि में ऊर्जा अत्यंत उग्र और प्रभावशाली होती है। इस समय नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं, इसलिए रक्षा और स्थिरता की साधना विशेष फलदायी मानी गई है। मां बगलामुखी की उपासना शत्रुओं की हानिकारक सोच और वाणी को शांत करती है। भैरव देव, काशी के कोतवाल, हर प्रकार की अदृश्य बाधा, भय और संकट से रक्षा प्रदान कर सकते हैं। वहीं, हनुमान जी मानसिक बल, साहस और आत्मविश्वास बढ़ाकर भय और ग्रह दोषों को शांत करने की शक्ति रखते हैं। अमावस्या पर इन तीनों महाशक्तियों की संयुक्त साधना से सुरक्षा, विजय और मन की स्थिरता का दिव्य आशीर्वाद मिलता है। इस बार यह अनुष्ठान हरिद्वार स्थित मां बगलामुखी धाम में होने जा रहा है, जो अपने आप में सुनहरा अवसर है।
🛕 माँ बगलामुखी की पूजा इस दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें मां दुर्गा का शक्तिशाली रूप माना गया है और उनकी पूजा विघ्नों से राहत और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए की जाती है। माँ बगलामुखी की पूजा से न केवल मानसिक और शारीरिक कष्टों का निवारण होता है, बल्कि शत्रुओं का सामना करने के लिए साहस का आशीष मिलता है। शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान राम और पांडवों ने भी माँ बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त किया था, जिससे वे कठिन से कठिन युद्धभूमि में विजय की पताका लहरा सके।
वहीं, श्री काल भैरव की पूजा इस दिन विशेष रूप से प्रभावशाली मानी गई है, क्योंकि वे समय के देवता और शिव जी के उग्र रूप हैं। उनके आशीर्वाद से भय, चिंता और नकारात्मक शक्तियों का नाश शुरू हो जाता है, जिससे जीवन में समृद्धि और ऊर्जा बढ़ती है। इस अमावस्या पर हरिद्वार स्थित माँ बगलामुखी मंदिर में इन तीन शक्तियों की संयुक्त पूजा आयोजित की जाएगी, जो भक्तों को सुरक्षा, समृद्धि और विजय की सही दिशा दिखा सकती है।
श्री मंदिर द्वारा इस त्रिशक्ति अनुष्ठान में भाग लेकर आप मां बगलामुखी, काल भैरव और हनुमान जी से जीवन में सुरक्षा और समृद्धि का आशीष पा सकते हैं।