वसंत पूर्णिमा और लक्ष्मी जयंती महालक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे शक्तिशाली दिन क्यों है? 🙏 ✨
इस पवित्र अवसर पर धन, सफलता और दिव्य प्रचुरता का आशीष पाएं🙏💰🌸
हिंदू परंपराओं के अनुसार, वसंत पूर्णिमा नवीनीकरण, समृद्धि और शुभता के आगमन का प्रतीक मानी जाती है। इस वर्ष इस शक्तिशाली पूर्णिमा के साथ लक्ष्मी जयंती के संयोग भी बन रहे , जो इस दिन को देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद का आह्वान करने के लिए अत्यंत शुभ समय बनाता है। शास्त्रों के अनुसार, यह वही दिन है जब समुद्र मंथन के दौरान क्षीरसागर से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इस खगोलीय घटना के दौरान, देवताओं और असुरों ने अमृत (अमरत्व का अमृत) की प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया। जैसे-जैसे मंथन आगे बढ़ा, अनेक दिव्य खजाने प्रकट हुए, लेकिन सबसे विलक्षण थीं देवी लक्ष्मी एक दिव्य कमल पर विराजमान, जो अनंत धन, सौंदर्य और कृपा की प्रतीक थीं। अपने प्राकट्य के साथ ही उन्होंने भगवान विष्णु को अपने शाश्वत जीवनसाथी के रूप में चुना, यह दर्शाते हुए कि सच्चा धन सदैव धर्म और सुरक्षा के साथ जुड़ा होता है। उनके आगमन से समृद्धि पुनः स्थापित हुई, और देवताओं ने उल्लासपूर्वक इसका स्वागत किया, यह जानते हुए कि उनके आशीर्वाद से भाग्य और प्रचुरता आएगी।
दक्षिण भारतीय परंपराओं में, यह दिन गहन वैदिक अनुष्ठानों के लिए समर्पित होता है, जहाँ ब्राह्मण सामूहिक रूप से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए पवित्र भजन और मंत्रों का उच्चारण करते हैं। इस शुभ अवसर को विशेष बनाने के लिए, तिरुनेलवेली के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में 21 ब्राह्मणों के नेतृत्व में एक भव्य महा अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। इस पवित्र पूजा में शामिल होंगे:
लक्ष्मी गायत्री मंत्र के 1,00,008 पाठ, माना जाता है कि इससे अपार वित्तीय आशीर्वाद और व्यावसायिक सफलता मिलती है।
लक्ष्मी सहस्रनामावली, देवी लक्ष्मी के एक हजार नामों का एक पवित्र मंत्र, जो स्थिरता और स्थायी धन का आह्वान करता है।
श्री सूक्तम पूजा, समृद्धि, सद्भाव और दिव्य प्रचुरता के लिए एक पूजनीय वैदिक आह्वान है।
संख्या 21 का विशेष महत्व है, जो पूर्णता और दिव्य पूर्ति का प्रतिनिधित्व करती है, जो इस महा अनुष्ठान की शक्ति को बढ़ाती है। मान्यता है कि वसंत पूर्णिमा और लक्ष्मी जयंती के शुभ संयोग पर इस शक्तिशाली अनुष्ठान को करने से धन, स्थिरता और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और अपने जीवन में देवी लक्ष्मी की असीम कृपा को आमंत्रित करें।