🛕 जीवन में बार-बार कार्य बिगड़ना, करियर में रुकावटें, संतान या परिवार की समस्याएँ और स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियाँ केवल सामान्य संयोग नहीं मानी जाती। शास्त्रों में कहा गया है कि यह पितृ दोष का संकेत हो सकता है। जब पूर्वजों की आत्मा तृप्त नहीं होती या उनके लिए विधिवत पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध नहीं किए जाते, तो उनका असंतोष वंशजों के जीवन में बाधाएँ और परेशानियाँ उत्पन्न करता है। इस सब परेशानियों से राहत के लिए साल की आखिरी कालाष्टमी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
इस दिन किया गया वैदिक अनुष्ठान पितरों के अशांत प्रभाव को शांत करने और वंशजों के जीवन में स्थिरता, सुख और समृद्धि लाने में प्रभावशाली माना जाता है। शास्त्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पितृ दोष से राहत के लिए केवल साधारण पूजा पर्याप्त नहीं होती, बल्कि एक गहन और विधिपूर्वक संपन्न अनुष्ठान अत्यंत आवश्यक है। इसीलिए इस अवसर पर श्री मंदिर के माध्यम से विशेष त्रि-तीर्थ पितृ शांति अनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है। यह अनुष्ठान तीन पवित्र तीर्थों पर संपन्न होगा, जो अपने आप में अद्वितीय और पवित्र माने जाते हैं –
📍 काशी – मोक्ष की नगरी, जहाँ पिशाच मोचन कुंड में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा शीघ्र तृप्त होती है और वंशजों के जीवन में स्थिरता, सुख और मानसिक शांति आती है।
📍 रामेश्वरम – यहाँ भगवान श्रीराम ने स्वयं अपने पितरों के लिए तर्पण कर इस परंपरा को स्थायित्व दिया। इस पवित्र स्थल पर तर्पण और श्राद्ध करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वंशजों के जीवन में सौभाग्य और सुरक्षा आती है।
📍 गोकर्ण – आत्मलिंग की भूमि, जहाँ कोटितीर्थ और समुद्र संगम पर त्रिपिंडी तर्पण करने से पितरों को संतोष प्राप्त होता है और वंशजों को पितृ आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस पवित्र भूमि पर किए गए अनुष्ठान से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और स्थिर समृद्धि आती है।
🙏 साल की इस आखिरी कालाष्टमी पर आयोजित त्रि-तीर्थ पितृ शांति अनुष्ठान में शामिल होकर आप भी अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख-शांति, आर्थिक स्थिरता और समग्र कल्याण का मार्ग खोल सकते हैं। यह अवसर उन सभी के लिए विशेष है, जो अपने परिवार और पूर्वजों की स्मृति में भावपूर्ण श्रद्धा के साथ जीवन में स्थिरता और समृद्धि की कामना रखते हैं।
इस अवसर को जानें न दें। श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान के भागी बनें।