🌸 जीवन में निडरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से हार मान चुके हैं? इस नवरात्रि सप्तमी को माँ कालरात्रि और भगवान काल भैरव से पाएं जीवन में बदलाव का आशीर्वाद
हिंदू धर्म में नवरात्रि दुर्गा माँ के नौ रूपों को समर्पित पवित्र समय है। सातवां दिन सप्तमी, माँ कालरात्रि को समर्पित है, जो आघात और नकारात्मकता को दूर करने वाली शक्ति स्वरूपा हैं। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा विशेष फलदायक मानी गई है, क्योंकि वे सुरक्षा, साहस और आध्यात्मिक शक्ति का आशीर्वाद देती हैं।
प्राचीन शास्त्रों के अनुसार, जब भगवान शिव ने 51 शक्तिपीठ स्थापित किए, तब असुरों ने उन्हें नष्ट करने का प्रयास किया। इन दिव्य स्थलों की रक्षा हेतु शिव ने अपने भैरव रूप को उनकी रक्षक जिम्मेदारी सौंपी। इसीलिए, माना जाता है कि देवी की कृपा पाने से पहले काल भैरव की पूजा बहुत ज़रूरी है। मां कालरात्रि और काल भैरव, दोनों को भक्तों की रक्षा करने वाले देवता माना गया है, जो अज्ञात भय, नकारात्मक ऊर्जा और तांत्रिक प्रभावों से जल्द सुरक्षा प्रदान करते हैं।
🌸 इस पावन दिन, कोलकाता के कालीघाट मंदिर में शक्तिपीठ की स्थापना पर एक शक्तिशाली कालरात्रि तांत्रोक्त हवन और काल भैरव अष्टकम पाठ किया जाएगा। यह मंदिर माँ काली के तेजस्वी रूप को समर्पित है, जहां देवी सती के दाहिने पैर की अंगुली गिरी थी। ऐसे पवित्र स्थल पर आराधना से मां कालरात्रि और भगवान भैरव का आशीर्वाद और भी प्रभावी हो जाता है।
श्री मंदिर के माध्यम से आप इस संयुक्त पूजा में शामिल होकर माँ कालरात्रि और भगवान काल भैरव की संयुक्त कृपा प्राप्त कर सकते हैं। नवरात्रि सप्तमी पर उनका आशीर्वाद न केवल बाहरी बाधाओं से रक्षा करता है, बल्कि गहरी आध्यात्मिक शक्ति भी अपना असर दिखाती है। इस दिव्य ऊर्जा से अपने मार्ग को प्रकाशित करें, अज्ञात अड़चनों को दूर करें और अपने जीवन को अडिग शक्ति और निर्भयता से भर दें!