😨 रात में बुरे सपने, 🌀 लगातार मानसिक बेचैनी और हर समय डर का एहसास… क्या यह आपके जीवन में काल सर्प दोष का प्रभाव हो सकता है? 🕉️
सनातन धर्म में राहु और केतु को ऐसे छाया ग्रह माना गया है, जो व्यक्ति के जीवन में अदृश्य रूप से गहरे प्रभाव डालते हैं। इन्हीं दोनों ग्रहों के संयोग से बनने वाला काल सर्प दोष जीवन में बार-बार रुकावट, मानसिक तनाव, असफलता और ठहराव का कारण बनता है। ऐसा माना जाता है कि यह दोष पिछले जन्मों के अधूरे कर्म और वर्तमान जीवन की उलझनों को सामने लाकर साधक के मार्ग को कठिन बना देता है।
इस दोष को शांत करने के लिए प्राचीन शास्त्रों में त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प दोष शांति पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। यह अनुष्ठान राहु के शतभिषा नक्षत्र में कई गुना फलदायी माना गया है। यह ज्योतिर्लिंग स्वयं भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति से जुड़ा है, जहाँ ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्तियाँ एक साथ विराजमान मानी जाती हैं। शास्त्रों के अनुसार, राहु और केतु दोनों भी भगवान शिव के भक्तों में शामिल थे। इसी कारण यहाँ किया गया अनुष्ठान न केवल राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव को शांत करता है, बल्कि साधक को आत्मिक शांति और जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति भी प्रदान करता है।
त्र्यंबकेश्वर काल सर्प दोष शांति पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए सहायक मानी जाती है जिनके जीवन में बिना कारण कार्यों में देरी, मानसिक बेचैनी, डर और संबंधों में उलझन जैसी परिस्थितियाँ बार-बार सामने आती हों। यह पूजा कर्मजन्य बंधनों को शांति देती है और साधक को धीरे-धीरे एक संतुलित और सकारात्मक जीवन की ओर ले जाती है। यह एक दुर्लभ अवसर है जब भक्त भगवान शिव की कृपा और वैदिक मंत्रोच्चार की शक्ति से अपने भीतर छुपी हुई नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं। इस पावन अनुष्ठान से साधक को मानसिक संतुलन, भावनात्मक स्थिरता और जीवन में सही दिशा प्राप्त करने का आशीर्वाद मिलता है।
✨ श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित त्र्यंबकेश्वर काल सर्प दोष शांति पूजा में शामिल होकर राहु-केतु के दुष्प्रभाव से राहत पाएं और जीवन को नई ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास से भरें।