🙏 कभी-कभी, भले ही हमारे पास शक्ति और अच्छे इरादे हों, फिर भी लोग डर या अनिश्चितता के कारण कुछ करने में असमर्थ महसूस करते हैं। बाधाएँ बड़ी लगती हैं, साहस कम हो जाता है और जो काम पहले आसान लगते थे वे कठिन लगने लगते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसे समय यह संकेत होता है कि ग्रहों की ऊर्जा, विशेष रूप से शनि देव, हमारी धैर्य और आंतरिक शक्ति की परीक्षा ले रहे हैं। जब डर और देरी जीवन पर हावी होने लगती है, तब हनुमान जी के आशीर्वाद से आत्मविश्वास और स्पष्टता लौटती है। हनुमान जी को कालियुग में संकट मोचन के रूप में पूजा जाता है और वे शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक हैं। मंगलवार को उनकी पूजा विशेष लाभकारी मानी जाती है। शनि देव, कर्म के स्वामी हैं और सभी प्राणी के कर्म के अनुसार परिणाम देते हैं।
✨ रामायण में वर्णित है कि जब लक्ष्मण बेहोश हो गए तो श्री राम की सेना निराश हो गई थी। उस समय हनुमान जी की अटूट भक्ति और साहस ने संजीवनी पर्वत लाकर जीवनदान दिया। यह कथा दिखाती है कि विश्वास और समर्पण से कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। एक अन्य कथा में शनि देव ने हनुमान जी की सहनशीलता का परीक्षण किया। लेकिन हनुमान जी की निडर शक्ति और भक्ति ने शनि देव को झुकने पर मजबूर कर दिया। तब से यह माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करता है उसे शनि के दुष्प्रभाव से सुरक्षा मिलती है। इसी कारण हनुमान पूजा और शनि तिल तेल अभिषेक का संयुक्त अनुष्ठान सुरक्षा और साहस के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
🛕 अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर में यह पूजा मंगलवार को की जाती है। इस अनुष्ठान में पहले भगवान शनि देव को तिल तेल से अभिषेक किया जाता है, जिससे ग्रहों की कठिन प्रभाव को शांत करने का संकेत होता है। इसके बाद संकट मोचन पूजा होती है, जो भक्त के जीवन से डर और असुरक्षा को दूर करने और स्थिर साहस, ऊर्जा और विश्वास लाने के लिए की जाती है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लेकर जीवन में सुरक्षा, शक्ति और चुनौतियों पर विजय के आशीर्वाद प्राप्त करें।