✨ दक्षिण भारत में हनुमान जयंती उत्तर भारत से अलग समय पर मनाई जाती है। कर्नाटक में यह मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी को, जबकि तमिलनाडु में मार्गज़ी अमावस्या के आसपास यह उत्सव आयोजित होता है। इसे ‘हनुमंत व्रतम’ भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस तिथि पर अंजना माता ने दिव्य तेज से प्रकट हुए पवन पुत्र हनुमान को जन्म दिया। कथा के अनुसार, शिवजी के अंशावतार के रूप में जन्मे हनुमान जी ने बाल्यकाल से ही अद्भुत पराक्रम, भक्ति और बुद्धि का परिचय दिया। दक्षिण भारत में इस दिन सुंदरकांड पाठ, तेल-दीपक और हनुमान मंत्रों से शक्ति, साहस और बाधा-निवारण का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए अयोध्या के श्री हनुमान गढ़ी में 11 हजार हनुमान मूल मंत्र जाप, सिंदूर अभिषेक और सुंदरकांड पाठ संपन्न होने जा रहा है।
✨ जब जीवन में कोई अपना आस-पास न दिखे, संकटों ने रास्ता रोक रखा हो और उन्नति कोसों दूर चली गई हो, हनुमान गढ़ी के दिव्य स्थान से आशीर्वाद पाने का ये सबसे बेहतर अवसर है। इस हनुमान जयंती पर श्री हनुमान गढ़ी मंदिर में 11 हजार हनुमान मूल मंत्र जाप, सिंदूर अभिषेक और सुंदरकांड पाठ महापूजा का आयोजन होने जा रहा है। यह अवसर जीवन को एक नई दिशा देने की शक्ति रखता है, जिसे हाथ से न जाने दें।
✨ इस पवित्र मंदिर की महिमा रामायण काल से जुड़ी है। ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है, जहां लंका विजय के बाद भगवान श्रीराम ने हनुमान जी को रहने का स्थान दिया था। कहा जाता है कि आज भी इस मंदिर में वीर हनुमान अपने भक्तों की परेशानियां सुनते हैं और उनके दुखों को क्षण भर में दूर करते हैं। इसी कारण इस पावन स्थल पर हनुमान जी को समर्पित यह विशेष पूजा आयोजित की जा रही है, जिसमें सिंदूर अभिषेक, सुंदरकांड पाठ की शक्ति भी जुड़ी हुई है।
क्यों हनुमान जी को प्रिय है सिंदूर?🙏
✨ एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, एक बार हनुमान जी ने माता सीता को अपनी मांग में सिंदूर लगाते हुए देखा। जब उन्होंने कारण पूछा तो माता ने बताया कि वह भगवान राम की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए ऐसा करती हैं। यह सुनकर हनुमान जी इतने भावुक हो गए कि उन्होंने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया, ताकि भगवान राम और ज्यादा प्रसन्न हों। राम जी उनकी भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हुए और तभी से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शरू हो गई। वहीं, इस अनुष्ठान में शामिल सुंदरकांड पाठ, श्रीरामचरितमानस का बेहद पावन और शक्तिशाली भाग माना जाता है। इसमें हनुमान जी की अटूट भक्ति, साहस, सेवा और बुद्धि का अद्भुत वर्णन है।
…तो देर न करें! श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित इस पावन अनुष्ठान में भाग लें और हनुमान जी से शक्ति, सुरक्षा और जीवन में सही मार्गदर्शन का दिव्य आशीर्वाद पाएं।