सोमवार को भगवान शिव की पूजा के लिए एक विशेष और पवित्र ऊर्जा का संचार होता है, और इस शुभ दिन महादेव का अभिषेक करने से जीवन में गहन उपचार और पोषणकारी शक्तियों का अनुभव माना जाता है। इसी दिव्य संयोग के तहत, घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग पर संतान सुख के लिए विशेष रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है, जो उन लोगों के लिए है जो महादेव की कृपा से अपने बच्चों के स्वास्थ्य, खुशहाली और पारिवारिक सौहार्द की कामना करते हैं।
महाराष्ट्र के देवगिरी पहाड़ों के पास स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग बारहवें और अंतिम ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रतिष्ठित है, जिसे शिव की असीम करुणा का निवास माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहाँ भगवान शिव ने अपनी अनंत कृपा दिखाई थी, जब भक्त माँ घुस्मा ने उनसे अपार भक्ति और प्रेम के साथ उपासना की। उनकी श्रद्धा से प्रसन्न होकर शिव ने उनकी संतान को पुर्नजीवित दिया था और इस स्थान को अपनी स्थायी उपस्थिति का प्रतीक बना दिया। यही कारण है कि घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग को करुणा, मातृत्व और संतान सुख का ज्योतिर्लिंग कहा जाता है।
इस पवित्र रुद्राभिषेक में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, मधु और शर्करा से अभिषेक किया जाता है, साथ ही वैदिक रुद्र मंत्रों का उच्चारण और अग्निहोम का आयोजन भी किया जाता है। यह अनुष्ठान विशेष रूप से उन युगलों के लिए लाभकारी माना जाता है जो संतान सुख, बच्चों की सुरक्षा, माता-पिता में मानसिक शक्ति और पारिवारिक सामंजस्य की कामना करते हैं। प्राचीन शास्त्रों में कहा गया है कि घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग पर रुद्राभिषेक करने से भावनात्मक स्थिरता, आध्यात्मिक उन्नति और बच्चों के लिए पोषणकारी वातावरण का आशीर्वाद मिलता है। जो लोग करुणामय भगवान से संतान सुख, स्वास्थ्य और आनंद की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए यह सोमवार एक अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करता है।
आप श्री मंदिर के माध्यम से इस रुद्राभिषेक में भाग लेकर घृष्णेश्वर महादेव की दिव्य कृपा अपने बच्चों की भलाई और सुरक्षा के लिए प्राप्त कर सकते हैं।