📿साल 2025 की अंतिम विनायक चतुर्थी बेहद शुभ और सिद्धिदायक मानी गई है। इस दिन भगवान गणेश की उपासना से बुद्धि, सफलता, बाधा-नाश और मंगल कार्यों में रफ्तार मिल सकती है। साथ ही भगवान कुबेर की संयुक्त पूजा से धन, समृद्धि और स्थायी आर्थिक वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि वर्ष की आखिरी विनायक चतुर्थी पर की गई यह साधना कई गुना फलदायी है, क्योंकि यह नया वर्ष आने से पहले जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का प्रवेश कराने की शक्ति रखती है। श्रद्धापूर्वक की गई श्री गणेश–कुबेर पूजा घर-परिवार में सुख, शांति और लक्ष्मी-कृपा बढ़ाने वाली मानी गई है।
साल 2025 की अंतिम विनायक चतुर्थी विशेष रूप से शुभ, मंगलकारी और सिद्धियों से भरपूर मानी जाती है। विनायक चतुर्थी पर किए गए श्री गणेश अथर्वशीर्ष पाठ का महत्व अनेक गुना बढ़ जाता है। यह पाठ मन को शुद्ध करता है, नकारात्मक ऊर्जा को मिटाता है और जीवन में स्थिरता एवं प्रगति के बंद दरवाजे खोल सकता है। विद्वानों के बीच ऐसा विश्वास है कि अथर्वशीर्ष के प्रत्येक मंत्र से गणेश जी की कृपा सीधे साधक के जीवन में उतरती है।
📿इस अनुष्ठान में श्री कुबेर धन-वर्षा हवन भी जुड़ा हुआ है। यह हवन आर्थिक उन्नति, व्यवसायिक वृद्धि और धन-स्थिरता के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। कुबेर देव, जो देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं, उनकी आराधना से घर-परिवार में समृद्धि, सौभाग्य और लक्ष्मी कृपा बढ़ती है। हवन के दौरान होने वाली आहुतियां वातावरण को शुद्ध करती हैं और शुभ ग्रहों एवं देवी-देवताओं का आह्वान करती हैं।
साल की आखिरी विनायक चतुर्थी पर इन दोनों अनुष्ठानों का संयुक्त प्रभाव, व्यक्ति के जीवन में नए वर्ष से पहले सकारात्मक ऊर्जा, धार्मिक बल, मानसिक शांति और धन-प्रवाह को आकर्षित कर सकता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ किए गए श्री गणेश-कुबेर अनुष्ठान से घर में सुख, सौभाग्य और मंगलता स्थायी रूप से स्थापित होने लगती है। साथ ही धन के साथ बुद्धि-विवेक और सही निर्णयों से धन की सुरक्षा के द्वार खुलने शुरू हो जाते हैं।
🚩 श्री मंदिर के माध्यम से की जाने वाली यह विशेष पूजा आपके जीवन में आने वाले साल के लिए धन-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के द्वार खोलती है।