✨ मां गजलक्ष्मी, माता लक्ष्मी का अत्यंत मंगलकारी स्वरूप हैं, जिनके दोनों ओर श्वेत गज (हाथी) अभिषेक करते हुए दिखाए जाते हैं। यह रूप संपत्ति, शुद्ध वैभव, समृद्धि और राजसिक प्रतिष्ठा का प्रतीक माना गया है। शास्त्रों में वर्णन है कि देवलोक में अमृत मंथन के समय गजलक्ष्मी प्रकट हुईं और देवताओं को विजय, सम्मान और अभय का वरदान दिया। सनातन मान्यता है कि मां गजलक्ष्मी की आराधना करने से धन वृद्धि, व्यापार में उन्नति, घर में सौहार्द, स्थिर लक्ष्मी और पुराने कर्जों से राहत मिल सकती है। कहते हैं कि जो भक्त श्रद्धा से उनका स्मरण करता है, उसके जीवन में स्वच्छ, सतत और मंगलमय समृद्धि का वास होता है।
जीवन में कभी-कभी परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं कि व्यक्ति अपनी पूरी मेहनत, प्रयास और अनुशासन के बावजूद आर्थिक स्थिरता नहीं प्राप्त कर पाता। आय बढ़ने के बावजूद कर्ज खत्म नहीं होते, अचानक खर्च बढ़ जाते हैं। ऐसी स्थिति को शास्त्रों में ‘धन अवरोध’ कहा गया है, जो अक्सर नज़रदोष, ग्रह बाधा या जीवन के असंतुलन के चलते होते हैं। ऐसी बाधाओं से राहत पाने के लिए मां लक्ष्मी के अत्यंत कल्याणकारी स्वरूप माँ गजलक्ष्मी की उपासना बेहद श्रेष्ठ मानी गई है।
माँ गजलक्ष्मी का स्वरूप स्वच्छ धन, प्रतिष्ठा, स्थिर समृद्धि और जीवन में सुगमता का प्रतीक है। उनकी आराधना से न केवल धन प्राप्ति संभव है, बल्कि धन टिकता है, बढ़ता है और धीरे-धीरे कर्ज का बोझ कम होने लगता है।
🌸 इस महायज्ञ में शामिल है:
गजलक्ष्मी ध्यान व आवाहन
श्री सूक्त पाठ
दुग्ध-अभिषेक
कमल पुष्प, पीला वस्त्र, हल्दी-केसर के द्रव्य
108 आहुति युक्त लक्ष्मी ऐश्वर्य हवन
✨ उज्जैन के मां गजलक्ष्मी मंदिर में इन अनुष्ठानों के साथ धन-वृद्धि और समृद्धि की दिव्य शक्ति को आमंत्रित किया जाता है। श्री मंदिर द्वारा आयोजित होने जा रहे इस अनुष्ठान से घर में लक्ष्मी का स्थिर वास होता है, कर्ज से मुक्ति के रास्ते खुल सकते हैं और जीवन में सौभाग्य, प्रसन्नता और ऐश्वर्य की सही दिशा मिल सकती है।