🌕 2025 की शुरुआत मंगल के मज़बूत प्रभाव में हुई थी, जिसमें अस्थिरता, टकराव और बार-बार चुनौतियां देखने को मिलती रहीं। ज्योतिष के अनुसार, मंगल का यह तीव्र वर्ष कर्मों को सुलझाने का मौका भी देता है। 2025 के आखिरी 5 दिनों में, मंगलनाथ महादेव, उज्जैन में एक शक्तिशाली अनुष्ठान किया जाता है। क्योंकि मंगल से जुड़ी चुनौतियां अक्सर रिश्तों, मिलकर लिए गए फैसलों और भावनात्मक संतुलन को प्रभावित करती हैं, इसलिए कई भक्त इस महापूजा में पार्टनर पैकेज बुक करना पसंद करते हैं, जिससे दोनों लोग आने वाले साल के लिए एक ही संकल्प में शामिल हो सकें।
🌕 नए साल 2026 में जाने से पहले 2025 के सभी दोष इसी साल शांत हो सकते हैं और उन्नति के नए रास्ते नए साल को कई गुना फलदायी बना सकते हैं। इस 5 दिवसीय महापूजा में मंगलदेव का 50 हजार बार जाप (10,000 जाप प्रतिदिन) किया जाएगा। जिसका उद्देश्य व्यक्ति के जीवन में मौजूद कर्म दोष, भूमि-वाहन संबंधी बाधाएं, ऊर्जा असंतुलन और दुर्घटनाओं के योग को शांत करना है। इस अनुष्ठान का आरंभ दिव्य काल में संकल्प लेकर किया जाता है। पहले देव-गण, ऋषि और कुलदेवताओं का आह्वान होता है, फिर मंगलदेव की विशेष पूजा, लाल पुष्प, लाल चोला, मसूर दाल, गुड़ और सिंदूर जैसे द्रव्यों से अर्चना की जाएगी।
🌕 मान्यता है कि 50 हजार मंगल जाप से कर्मजनित अवरोधों की शांति होती है, आत्मबल बढ़ता है, कोर्ट-कचहरी, भूमि-विवाद, शत्रु बाधा और दुर्घटना जैसे ‘संघर्ष योग’ शांत होते हैं। यह अनुष्ठान व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा, साहस और स्थिरता ला सकता है और आने वाले नए साल को पहले से ज्यादा सुखमयी और कल्याणकारी दिशा दिखा सकता है। वहीं इस पूजा का स्थान यानि मंगलनाथ महादेव मंदिर उज्जैन का अत्यंत पवित्र और खगोलीय ऊर्जा से युक्त स्थान माना गया है।
🌕 पुराणों के अनुसार, यहीं से मंगल ग्रह का जन्म हुआ था, इसलिए इसे मंगल दोष निवारण का सर्वोत्तम तीर्थ कहा गया है। यह मंदिर प्राचीन सिंहस्थ क्षेत्र में, क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है, जहां ब्रह्मांडीय ऊर्जा विशेष रूप से सक्रिय मानी जाती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस 5 दिवसीय पूजा में भक्तों का संकल्प पहले दिन ही लिया जाएगा। यहां की जाने वाली यह 5 दिवसीय पूजा अपने आप में साल का आखिरी अवसर है, जो आपके आने वाले साल को कहीं ज्यादा फलदायी और कल्याणकारी बना सकता है।
🔱 श्री मंदिर द्वारा आयोजित होने जा रही 5 दिवसीय महा अनुष्ठान संकल्प महापूजा में भाग लें और मंगल दोषों के साथ बाधाओं से दैवीय रक्षा का शुभ आशीष पाएं।