🛕 आज के समय में आर्थिक अस्थिरता, कर्ज़ और धन की कमी लाखों लोगों के लिए चिंता का कारण बन गई है। काम में रुकावटें, बढ़ते खर्चे और धन की कमी जीवन में असंतुलन बढ़ा देते हैं। ऐसे में धनतेरस का पवित्र पर्व समृद्धि आकर्षित करने का सबसे शुभ दिन माना गया है। इस अवसर पर कोल्हापुर स्थित माँ महालक्ष्मी अंबाबाई शक्तिपीठ में आयोजित होने जा रहे 11 हजार महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजन और धन समृद्धि हवन से इन कठिनाइयों पर काबू पाने का सुनहरा अवसर आ गया है, जिसे हाथ से न जाने दें।
सनातन परंपरा में धनतेरस को वह दिन माना गया है, जब माँ लक्ष्मी की कृपा विधिवत अनुष्ठानों के साथ आसानी से प्राप्त हो सकती है। यह दिन न केवल भौतिक संपत्ति के लिए बल्कि मानसिक शांति, सौभाग्य और जीवन में संतुलन के लिए भी विशेष माना गया है। मां लक्ष्मी केवल धन की देवी नहीं हैं, बल्कि वे उस सौंदर्य, सामंजस्य और आध्यात्मिक उन्नति की प्रतीक हैं, जो समृद्धि घर में लंबे समय तक टिकती है। समुद्र मंथन के दौरान जब वे कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुईं तो वे उस ज्योति स्वरूप ऊर्जा के रूप में पूजी गईं, जिसने पूरी सृष्टि को सुख-समृद्धि से प्रकाशित किया। धनतेरस के दिव्य काल में श्रद्धा और विधि-विधान से माँ लक्ष्मी की पूजा करने से दरिद्रता दूर हो सकती है और जीवन में स्थायी तौर पर धन और सुख-समृद्धि का प्रवाह बना रह सकता है।
🛕 भारत के प्रमुख लक्ष्मी शक्तिपीठ में एक दुर्लभ अवसर
कोल्हापुर का माँ महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक और जाग्रत पीठ माना गया है। यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना विशेषकर धनतेरस के दिन शीघ्र और प्रभावशाली परिणाम दे सकती है। इस साल श्री मंदिर के माध्यम से यहां एक विशेष महालक्ष्मी अनुष्ठान का आयोजन होने जा रहा है। परंपरा के अनुसार, यहां 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा और धन समृद्धि हवन करने से ऋण, रुकावटें और आर्थिक बाधाएं शांत हो सकती हैं और स्थायी समृद्धि बंद दरवाजे खुल सकते हैं।
यदि आप अपने जीवन में आर्थिक स्थिरता, धन-सुरक्षा और माँ लक्ष्मी का दिव्य आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इस धनतेरस पर आयोजित पवित्र अनुष्ठान में सहभागी बनें। श्री मंदिर द्वारा इस महापूजा में माँ अंबाबाई की कृपा से जीवन में सौभाग्य, संपन्नता और खुशहाली का अनुभव करें।