😔 क्या आप नेतृत्व या नेता की भूमिका में हैं लेकिन निडरता का भाव गायब है? मां दुर्गा के स्वरूप से पाएं निडरता और मुखरता का आशीर्वाद
🌸 नवरात्रि के तीसरे दिन पूजी जाने वालीं मां चंद्रघंटा को ‘दुर्गति नाशिनी’ स्वरूप माना गया है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित है और उनका स्वर दिव्य घंटा की ध्वनि से गुंजायमान रहता है। यह शक्ति नकारात्मकता और दुष्ट ताकतों का नाश करती है। स्वर शक्ति पूजा में मां चंद्रघंटा का ध्यान, मंत्रजाप और विशेष आराधना की जाती है, जिससे भक्तों को आत्मबल, शांति और भयमुक्ति का आशीर्वाद मिलता है। मान्यता है कि इस पूजा से जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं, परिवार में सुख-समृद्धि की दिशा मजबूत होती है और सबसे ज़रूरी - नेतृत्व में भयमुक्त और मुखरता आती है, जिससे सफलता की दिशा आसानी से दिखने लगती है।
🌸10 हजार चंद्र मूल मंत्र जाप
सनातन में नवरात्रि की तृतीया तिथि पर मां चंद्रघंटा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन विद्वानों द्वारा विधिवत 10,000 बार चंद्र मूल मंत्र जाप से भक्तों को चंद्र देव की शांति, मानसिक स्थिरता और भावनात्मक संतुलन का आशीर्वाद मिलता है। 🌙 ज्योतिष में चंद्रमा मन, भावनाओं और पारिवारिक सुख का कारक माना गया है। इसलिए, इस मंत्रजाप से मन की अशांति, चंचलता और भय दूर होते हैं तथा आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 🔱 नवरात्रि में किया गया यह विशेष जप मां दुर्गा और चंद्रदेव दोनों की कृपा दिलाता है और जीवन में सुख, सौभाग्य के साथ निडरता और मुखरता वाले नेतृत्व का आशीर्वाद मिलता है। ✨
🌸 साहस और सुरक्षा का मार्ग
यह पूजा केवल एक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि माँ चंद्रघंटा से अपने भीतर के संघर्षों पर विजय पाने की प्रार्थना है। भक्त उनके पूजन के बाद हल्के मन, शांत निद्रा और आत्मविश्वास का अनुभव करते हैं। उनका सिंह, साहस का प्रतीक है, उनके अस्त्र-शस्त्र नकारात्मकता का नाश करते हैं और उनकी मुस्कान यह स्मरण दिलाती है कि सच्ची शक्ति शांति में निहित है। नेतृत्व के क्षेत्र में इस अनुष्ठान को बेहद फलदायी माना गया है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से आप भी इस विशेष पूजन में शामिल होकर माँ चंद्रघंटा से निडर नेतृत्व का आशीर्वाद पाएं।