🕉️कभी-कभी जीवन लगातार चलने वाली लड़ाई जैसा लगता है। चारों ओर परेशानियां, झूठे मुकदमे या छिपे हुए दुश्मन दिखाई देते हैं। ऐसी स्थिति में मन थक जाता है और आत्मविश्वास भी कम हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जब हमारे आसपास नकारात्मक ऊर्जाएं बढ़ जाती हैं, तब वे हमारी शांति और सफलता में रुकावट डालती हैं। शुक्रवार की रात शक्ति की उपासना के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। इस दिन मां चामुंडा और भगवान भैरव की आराधना से सुरक्षा और साहस की भावना जागृत होती है।
🕉️देवी महात्म्यम् में बताया गया है कि जब देवी दुर्गा राक्षसों से युद्ध कर रही थीं, तब चंड और मुण्ड नाम के दो असुरों ने उन पर आक्रमण किया। उसी समय देवी के ललाट से मां चामुंडा प्रकट हुईं। उन्होंने अपने तेज और शक्ति से उन असुरों का अंत किया। मां चामुंडा को बुराई पर विजय और साहस की देवी कहा जाता है। इस सिद्धपीठ की रक्षा भगवान भैरव करते हैं। वे भय को दूर करते हैं और अपने भक्तों को हर मुसीबत से सुरक्षित रखते हैं। मां चामुंडा और भगवान भैरव एक साथ मिलकर हर नकारात्मक शक्ति के विरुद्ध मजबूत ऊर्जा का निर्माण करते हैं।
🕉️इसी दिव्य कृपा के लिए शुक्रवार की रात को नवचंडी यज्ञ और चामुंडा-भैरव महा रक्षा रात्रि अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। यह रात्रि शक्ति साधना के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। इस अनुष्ठान में कांगड़ा स्थित चामुंडा देवी सिद्धपीठ और वाराणसी के बटुक भैरव मंदिर में यह विशेष पूजा और मंत्रोच्चारण संपन्न किए जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा से एक दिव्य सुरक्षा कवच बनता है जो जीवन में आने वाले डर, रुकावटों और नकारात्मक प्रभावों से बचाता है। इससे मन को शांति मिलती है और जीवन में संतुलन व स्थिरता आती है।
🙏 आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष महारक्षा पूजन में शामिल होकर मां चामुंडा और भगवान भैरव की कृपा प्राप्त करें।