महानवमी का दिन विशेष रूप से मां दुर्गा की पूजा के साथ जुड़ा होता है और इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता और सभी प्रकार के रोगों के नाशक माने गए हैं। उनकी पूजा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार संभव है और भक्तों को दिव्य सुरक्षा का आशीर्वाद मिल सकता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद से दीर्घायु, आरोग्य और जीवन में सुख-शांति की सही दिशा मिल सकती है। विद्वानों का विश्वास है कि भक्त विशेष रूप से इस दिन उनका पूजन करके स्वस्थ जीवन और समृद्धि के द्वार खोल सकते हैं।
इस अनुष्ठान में धन्वंतरि आयुष्य हवन और सर्व रोग निवारण मंत्र जाप भी शामिल है, जो विशेष रूप से स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति के लिए किया जाता है। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद और चिकित्सा का देवता माना गया है और उनकी पूजा से शरीर और मन की बीमारियाँ दूर होनी शुरू हो जाती हैं। इस हवन में भगवान धन्वंतरि के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जो शरीर में ऊर्जा और जीवनदायिनी शक्ति का संचार करते हैं। सर्व रोग निवारण मंत्र जाप से हर प्रकार के रोग, मानसिक तनाव और शारीरिक कष्ट से राहत की दिशा मिलती है और जीवन में शांति और सुख बंद दरवाजे खुलने शुरू हो जाते हैं।
🌸 एट्टेलुथुपेरुमाल मंदिर में धन्वंतरि पूजा
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली स्थित एट्टेलुथुपेरुमाल मंदिर में नवरात्रि नवमी का विशेष महत्व है। इस दिन यहां भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की संयुक्त आराधना भी की जाती है। सनातन धर्म में भगवान विष्णु के अवतार श्री धन्वंतरि को आरोग्य और स्वास्थ्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि आरोग्य मूर्ति धन्वंतरि आयुष्य हवन और सर्व रोग निवारण मंत्र जाप से बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षा और अनहोनी से सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। नवरात्रि के अंतिम दिन अपने और अपने परिवार की सेहत से जुड़ी इस महापूजा में भाग लेने का शुभ अवसर हाथ से न जाने दें।
🔔 श्री मंदिर द्वारा भगवान धन्वंतरि आयुष्य हवन और सर्व रोग निवारण मंत्र जाप में भाग लेने का अवसर हाथ से न जाने दें।