हिंदू धर्म में श्रावण माह को अत्यधिक शुभ माना गया है, यह पवित्र माह भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस माह में न सिर्फ शिव जी की बल्कि सभी देवी देवताओं की अराधना अत्यधिक फलदायी होती है। वहीं मंगलवार का दिन मंगल करने वाली देवी बगुलामुखी को समर्पित है। दस महाविद्याओं में से एक देवी बगलामुखी जिन्हें बगला नाम से भी जाना जाता है, ये ब्रह्मांड की सबसे शक्तिशाली रूपों में से एक हैं। इनकी अराधना के लिए कई विधि विधान हैं जिनमें मूल मंत्र जाप एवं हवन है। शत्रु विनाशिनी देवी मां बगलामुखी आठवीं महाविद्या हैं। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का आशीष मिलता है।
वहीं, देवी बगलामुखी को 36 अंक बहुत प्रिय है इसलिए उनका मूल मंत्र भी 36 अक्षरों से मिलकर बना है, जो कि शत्रुओं को परास्त करने एवं खतरों से सुरक्षा का सबसे बड़ा अस्त्र है। इसलिए श्रावण माह में मंगलवार के दिन मां बगलामुखी की पूजा करना अधिक प्रभावशाली हो सकता है। श्रावण माह में मंगलवार के इस शुभ दिन पर 36,000 बार मूल मंत्र का जाप करने से शत्रुओं पर विजय, बीमारियों से राहत मिल सकती है। इसके अलावा, इस शुभ दिन पर बगलामुखी हवन करने से कोर्ट कचहरी मामलों में विजय एवं दुर्घटना से सुरक्षा प्राप्त होता है। इसलिए श्रावण में मंगलवार के दिन 36,000 मां बगलामुखी मूल मंत्र जाप और हवन का आयोजन किया जाएगा। शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और जानलेवा बीमारियों और दुर्घटनाओं से सुरक्षा पाने के लिए श्री मंदिर के माध्यम से इस हवन में भाग लें।