दीवाली का पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय और नकारात्मकता पर सकारात्मक ऊर्जा के प्रसार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन दीप जलाकर घरों और मंदिरों को सजाया जाता है, ताकि माँ लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके। ऐसा कहा जाता है कि दीवाली की अमावस्या की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जहाँ भी स्वच्छता, श्रद्धा और प्रकाश होता है, वहाँ स्थायी रूप से निवास करती हैं। यही कारण है कि इस रात की गई पूजा और दीपदान व्यक्ति के जीवन में धन, सुख और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
कई बार देखा जाता है कि व्यक्ति खूब मेहनत करता है, लेकिन धन-संपत्ति टिक नहीं पाती या परिवार में आर्थिक अस्थिरता बनी रहती है। ऐसे समय में माँ लक्ष्मी की आराधना सबसे प्रभावी उपाय मानी जाती है, क्योंकि वे केवल धन ही नहीं, बल्कि सौभाग्य और आनंद की भी अधिष्ठात्री देवी हैं। इसी भावना के साथ, दीवाली विशेष के अवसर पर अयोध्या के प्राचीन राज द्वार में भव्य 31,000 दीपोत्सव एवं तमिलनाडु के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में महालक्ष्मी पूजा का आयोजन किया जा रहा है।
इस अनुष्ठान में 1,08,000 लक्ष्मी मंत्र जाप किया जाएगा, जिससे वातावरण में दिव्य ऊर्जा और सकारात्मक कंपन उत्पन्न होंगे। यह मंत्र जाप जीवन से आर्थिक रुकावटों को दूर करने, सौभाग्य को स्थिर करने और परिवार में समृद्धि लाने में सहायक माना गया है। दीपोत्सव के समय प्रज्वलित दीप न केवल माँ लक्ष्मी का स्वागत करेंगे, बल्कि भक्तों के जीवन में प्रकाश, शांति और संतुलन का संचार करेंगे।
अयोध्या के ऐतिहासिक राज द्वार मंदिर में इस दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसे भगवान श्रीराम के राजमहल का प्रवेशद्वार माना जाता है। इस स्थान की आध्यात्मिक ऊर्जा और सरयू नदी के पवित्र तट का संयोजन इस अनुष्ठान को और भी प्रभावशाली बनाता है। पूजा के अंत में सरयू आरती की जाएगी, जिसमें हजारों दीपों की रौशनी नदी के जल पर झिलमिलाएगी और वातावरण को दिव्यता से भर देगी। सरयू नदी को ‘मुक्ति देने वाली’ नदी कहा गया है, और इस आरती में भाग लेने से मन की नकारात्मकता और क्लेश दूर हो सकते हैं।
इसके साथ ही, लक्ष्मी माता से संबंधित विशेष पूजन विधियाँ और वैदिक मंत्र जाप तमिलनाडु के प्रसिद्ध एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर की परंपरा के अनुसार किए जा रहे हैं। यह मंदिर माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा का प्रमुख केंद्र माना जाता है। वहाँ की पूजा पद्धति में ज्ञान, धन और स्थिरता तीनों शक्तियों का आह्वान होता है, जो इस अनुष्ठान को और अधिक पवित्र बनाती है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से आप भी इस विशेष अवसर पर भाग लेकर माँ लक्ष्मी की कृपा से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का प्रकाश भर सकते हैं। 🪔