🔱 कई बार यात्रा करते समय या अचानक सेहत से जुड़ी परेशानी आने पर मन में डर और चिंता पैदा हो जाती है। जब मंगल ग्रह (भगवान मंगल देव) मेष राशि वालों की कुंडली में प्रतिकूल रूप से, खासकर आठवें भाव में आता है, तो अचानक चोट लगने, कट जाने या पाचन से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे समय में शरीर को extra दिव्य सुरक्षा की जरूरत होती है। इन परेशानियों से मन बेचैन और असुरक्षित महसूस कर सकता है। लेकिन हमारे शास्त्र बताते हैं कि हर कठिनाई हमें भगवान की शरण में जाने का अवसर देती है—और मंगल के दुष्प्रभावों से बचाने वाले सर्वोच्च देव हैं भगवान श्री हनुमान जी।
श्री हनुमान जी बल, साहस और अटूट भक्ति के प्रतीक हैं। रामायण में जब भगवान राम को लंका पहुँचने के लिए समुद्र पार करना था, तब श्री हनुमान जी ने अपने अद्भुत बल से समुद्र को लांघा था। वे संकट मोचन हैं—हर तरह के संकट को दूर करने वाले। क्योंकि श्री हनुमान जी भगवान शिव का ही स्वरूप हैं और अत्यंत शक्तिशाली हैं, इसलिए वे मंगल ग्रह के उग्र प्रभावों को शांत करने वाले प्रमुख देव माने जाते हैं। उनकी पूजा मंगल की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करके उसे साहस, शक्ति और सुरक्षा में बदल देती है।
🔱 यह मंगल पूजा, दिव्य सुरक्षा प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला विशेष अनुष्ठान है। इस पूजा में श्री हनुमान जी को सिंदूर अर्पित किया जाता है—जो उनकी शक्ति और कथा से जुड़ा पवित्र प्रतीक है। यह अर्पण आपके डर और चिंताओं को उनके चरणों में सौंपने जैसा है, ताकि वे आपको यात्रा और जीवन के हर खतरे से बचाएँ। मंगलवार को यह पूजा करने से, जो दिन श्री हनुमान जी और भगवान मंगल देव दोनों को समर्पित है, इसका प्रभाव और बढ़ जाता है। उज्जैन के पवित्र मंगलनाथ महादेव मंदिर से मिलने वाले आशीर्वाद से यह पूजा और भी शक्तिशाली बन जाती है, जिससे मन में शांति और जीवन में सुरक्षा प्राप्त होती है।
श्री मंदिर द्वारा की जाने वाली यह विशेष पूजा आपके जीवन में स्वास्थ्य, शांति और सुरक्षा के दिव्य आशीर्वाद लाती है।