ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में मंगल और राहु का एक ही घर में स्थित होना अंगारक दोष कहलाता है। मंगल (पित्त) और राहु (वात) के प्रभाव से प्रभावित लोगों को अत्यधिक क्रोध, पित्त, दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं झेलनी पड़ती है। इस विनाशकारी योग के प्रभाव से मनुष्य अपने क्रोध पर नियंत्रण खोने लगता है जिससे उसके बनते काम भी बिगड़ सकते हैं और व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
वहीं शास्त्रों के अनुसार मंगलवार का दिन मंगल देव को समर्पित होता है और विशाखा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है इसलिए मंगलवार और इस शुभ नक्षत्र में मंगल ग्रह की पूजा अत्यंत प्रभावशाली मानी गई है। इस दोष के बुरे असर से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को मंगलवार के साथ विशाखा नक्षत्र के शुभ संयोग पर अंगारक दोष शांति पूजा और यज्ञ करवाना अवश्य कराएं। ये पूजा अंगारक दोष को दूर कर व्यक्ति को क्रोध, आक्रमकता, और संघर्षों से मुक्ति दिला सकती है। यदि आप या आपके परिवार में किसी पर अंगारक दोष का प्रभाव है तो श्री मंगलनाथ महादेव मंदिर, उज्जैन के आचार्यों द्वारा आयोजित इस पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें।