🌿 ज्योतिषाचार्या के अनुसार वृषभ राशि के लिए साल 2026 ऐसा समय माना जाता है जब जीवन की गति को दोबारा संतुलित करने और दिनचर्या में ऊर्जा वापस लाने की जरूरत महसूस हो सकती है, क्योंकि इस वर्ष स्वास्थ्य में हल्की-फुलकी परेशानियाँ और कामों को बार-बार टाल देने की आदत दोनों ही ध्यान खींच सकती हैं। वृषभ जातक स्वभाव से स्थिर, व्यावहारिक और दृढ़ माने जाते हैं, लेकिन जब मानसिक या शारीरिक ऊर्जा कमजोर होती है तो इनके व्यवहार में सुस्ती, देरी और किसी भी काम को शुरू या पूरा करने में झिझक आने लगती है।
✨ ज्योतिषीय संकेत बताते हैं कि 2026 में वृषभ राशि को अपने स्वास्थ्य को संतुलित रखने और नियमितता बनाए रखने के लिए थोड़ी अतिरिक्त आध्यात्मिक सहायता की जरूरत महसूस हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि वृषभ जातक जब एक लक्ष्य पर ध्यान लगाते हैं तो बहुत अच्छा करते हैं, लेकिन जब मन भटकने लगता है तो यह राशि अपनी ही गति में अटकने लगती है। इसलिए 2026 के लिए मुख्य ज़रूरत यही है कि स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए और कामों को समय पर पूरा करने की आदत धीरे-धीरे मजबूत की जाए।
🛕 इन्हीं संकेतों को ध्यान में रखते हुए दुर्गा, शिव और हनुमान की संयुक्त पूजा वृषभ राशि के लिए एक संतुलित और प्रभावी उपाय के रूप में देखी जाती है। शिव उपासना को स्वास्थ्य और जीवन-ऊर्जा को स्थिर रखने वाला माध्यम माना जाता है, खासकर जब पाचन, नींद, थकान या ऊर्जा में उतार-चढ़ाव जैसी बातें बार-बार ध्यान दिलाती हों। हनुमान पूजा वृषभ राशि की उस प्रवृत्ति पर केंद्रित है जहाँ आलस्य, टालमटोल और मानसिक भारीपन धीरे-धीरे गति को धीमा करते हैं और सक्रियता वापस लाने की आवश्यकता महसूस होती है। वहीं बृहस्पति के तृतीय भाव में रहने के कारण दुर्गा पूजा 2026 में मानसिक संतुलन, साहस, आत्मसंयम और एकाग्रता को मजबूत करने के लिए उपयुक्त मानी जाती है, ताकि मन हल्का रहे और कामों में निरंतरता बनी रहे।
🙏 यह संपूर्ण अनुष्ठान काशी के पवित्र पंचरत्न मंदिर में संपन्न होने जा रहा है, जहाँ इस विशेष राशि के लिए स्वास्थ्य और कार्य–ऊर्जा से जुड़े पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विधिवत अनुष्ठान आयोजित किया गया है। इस पावन आयोजन में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें।